मप्र हाई कोर्ट का फैसला: दोबारा शादी करने पर सरकारी कर्मचारी को तीसरी बार भी मिल सकती है मैटरनिटी लीव
एक स्कूल टीचर ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका, A school teacher had filed a petition in the High Court

भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी को मिलने वाली मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। दरअसल यह फैसला ऐसे सरकारी कर्मचारी के हित में है, जो कि अपने पहले पति को तलाक देने के बाद पुनर्विवाह करती है और तीसरी बार प्रेग्नेंट हो जाती है। हाई कोर्ट ने कहा है कि ऐसी स्थिति में सरकारी कर्मचारी तीसरी बार मैटरनिटी लीव की हकदार है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश में कहा कि एक सरकारी कर्मचारी तीसरी बार मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) की हकदार है यदि वह अपने पहले पति को तलाक देने के बाद पुनर्विवाह करती है और प्रेग्नेंट हो जाती है। सामान्य परिस्थितियों में मैटरनिटी लीव की अनुमति सिर्फ दो बार दी जाती है।
दरअसल एक स्कूल की टीचर ने प्रियंका तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में तिवारी ने कहा था कि स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया जाए, कि उन्हें तीसरे बच्चे के लिए मैटरनिटी लीव दी जाए। तिवारी ने तलाक के बाद शादी की थी और उसके बाद गर्भ धारण किया था। तिवारी की पिछली शादी से उसके दो बच्चे हैं और सिविल सेवा नियमों के अनुसार, महिला कर्मचारी को केवल दो बार मैटरनिटी लीव का मिलती है।
हाईकोर्ट ने दिया मैटरनिटी लीव देने का आदेश
प्रियंका तिवारी की याचिका में कहा गया है कि अगर कोई महिला कर्मचारी तलाक के बाद दोबारा शादी करती है, तो उसे दो बार से ज्यादा मैटरनिटी लीव मिलनी चाहिए। हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि तिवारी को तीसरी बार मातृत्व अवकाश दिया जाए।