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अजंता गुफा की प्राचीन पेंटिंग से प्रेरित INSV कौंडिन्य का डिज़ाइन

छत्रपति संभाजीनगर की प्रसिद्ध अजंता गुफाओं की एक प्राचीन पेंटिंग से प्रेरणा लेकर भारतीय नौसेना की नौका INSV कौंडिन्य का डिज़ाइन तैयार किया गया है। यह पहल भारतीय कला, संस्कृति और आधुनिक तकनीक के अद्वितीय मेल का प्रतीक है।

By: Yogesh Patel

May 22, 20256:48 PM

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अजंता गुफा की प्राचीन पेंटिंग से प्रेरित INSV कौंडिन्य का डिज़ाइन

छत्रपति संभाजीनगर, 22 मई — महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित विश्वप्रसिद्ध अजंता गुफाएं, जो अपनी अद्वितीय भित्तिचित्रों और बौद्ध कला के लिए जानी जाती हैं, अब भारतीय नौसेना की नई साहसिक यात्रा का हिस्सा बन गई हैं। नौसेना की हाल ही में प्रस्तुत की गई नौका INSV कौंडिन्य के डिज़ाइन की प्रेरणा इन्हीं गुफाओं की एक विशिष्ट पेंटिंग से ली गई है, जिससे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक तकनीकी प्रगति का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।

अजंता की पेंटिंग से डिज़ाइन तक का सफर

अजंता गुफाएं दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से पांचवीं शताब्दी ईस्वी के बीच बनाई गई थीं। ये गुफाएं बौद्ध धर्म की कहानियों, जीवन दर्शन और तत्कालीन जीवनशैली को दर्शाती हैं। इनमें से एक विशिष्ट पेंटिंग — जिसमें समुद्र यात्रा, साहस, और आत्मसंयम का प्रतीकात्मक चित्रण है — को INSV कौंडिन्य के डिज़ाइन की आधारशिला बनाया गया।

नौसेना के अनुसार, यह पेंटिंग उस "अभ्यास और आत्मविश्वास" का प्रतिनिधित्व करती है जो एक नाविक के चरित्र का मूल है। इसी विचार को आधुनिक नौकायन कौशल और साहसिक अभियानों के साथ जोड़ा गया है, जो INSV कौंडिन्य की आत्मा बनाता है।

INSV कौंडिन्य: साहसिकता और परंपरा का मेल

INSV (Indian Naval Sailing Vessel) कौंडिन्य, भारतीय नौसेना की उस श्रृंखला का हिस्सा है जो वैश्विक समुद्री अभियानों, प्रशिक्षण और साहसिक यात्राओं में भाग लेने के लिए विकसित की गई हैं। यह नौका पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी है और इसमें आत्मनिर्भर भारत की झलक भी स्पष्ट दिखाई देती है।

इस नौका का नाम 'कौंडिन्य' एक प्रसिद्ध बौद्ध ऋषि के नाम पर रखा गया है, जिनका उल्लेख पाली ग्रंथों और बौद्ध इतिहास में मिलता है। यह नाम, भारतीय ज्ञान परंपरा, आत्मअनुशासन और दूरदर्शिता का प्रतीक है।

सांस्कृतिक पहचान और नवाचार का समन्वय

INSV कौंडिन्य का डिज़ाइन यह दर्शाता है कि कैसे भारत की प्राचीन कलाएं और संस्कृति आज के तकनीकी युग में भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं। नौसेना की यह पहल भारतीय युवाओं को यह संदेश देती है कि परंपरा और नवाचार साथ-साथ चल सकते हैं।

नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि यह डिज़ाइन न केवल सौंदर्य की दृष्टि से आकर्षक है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि कैसे हमारी प्राचीन जड़ें आधुनिकता में समाहित हो सकती हैं।

INSV कौंडिन्य भारत की समुद्री शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और आत्मनिर्भर तकनीक का एक जीता-जागता प्रतीक है। अजंता गुफाओं की एक पेंटिंग से प्रेरित यह नौका दर्शाती है कि भारत अपनी जड़ों से जुड़ा रहकर भी भविष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।

यह पहल निश्चित रूप से भारत की कला, संस्कृति और विज्ञान के एकीकृत विकास की दिशा में एक प्रेरक कदम है।

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