Budget 2023 Income Tax: करदाताओं को बड़ी राहत, अब 7 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स में मध्यमवर्गीय नागरिकों के लिए 8 साल बाद बड़ी राहत दी है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अब तक पांच लाख रुपये से अधिक आय पर टैक्स देना पड़ता था। हालांकि, यह सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी।

नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स में मध्यमवर्गीय नागरिकों के लिए 8 साल बाद बड़ी राहत दी है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अब तक पांच लाख रुपये से अधिक आय पर टैक्स देना पड़ता था। हालांकि, यह सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे।
अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। 2019-20 में 8 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स या कॉरपोरेट टैक्स भरा था। बजट में नए स्टार्टअप को टैक्स में 3 साल तक मिलने वाली छूट बरकरार रखी गई है। आइए जानते हैं कि अब नया टैक्स स्लैब कैसा होगा?
नई कर व्यवस्था कैसी होगी?
आय टैक्स रेट
0-3 लाख कोई टैक्स नहीं
3 से 6 लाख 5%
6 से 9 लाख 10%
9 से 12 लाख 15%
12 से 15 लाख 20%
15 लाख से अधिक 30%
पिछले बजट में क्या हुआ था?
2022 के बजट में सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। न तो राहत दी गई थी और न ही बोझ बढ़ाया गया था। जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं करना भी हर नौकरीपेशा के लिए एक बड़ी राहत की तरह है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने ना तो पिछले साल ना ही इस साल इनकम टैक्स के नाम पर एक भी पैसा बढ़ाया है। यानी यह भी किसी राहत से कम नहीं है।
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साल 2014 के बाद से इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, 2020 में सरकार ने एक नई टैक्स प्रणाली पेश की। इसमें आमदनी के हिसाब से कर का अलग-अलग दायरा तय किया गया था। लेकिन, आयकर दाताओं पर इसे अनिवार्य नहीं किया गया। उन्हें ये छूट दी गई कि वे दोनों में से किसी एक प्रणाली का इस्तेमाल करके अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकें।
अभी क्या है टैक्स का दायरा?
आय पुराना टैक्स रेट नया टैक्स रेट
2.50 लाख तक कुछ नहीं कुछ नहीं
2.50-05 लाख तक 05% 05%
05-7.50 लाख तक 20% 10%
7.50-10 लाख तक 20% 15%
10-12.50 लाख तक 30% 20%
12.50- 15 लाख तक 30% 25%
15 लाख से अधिक पर 30% 30%
(नोट : ये टैक्स स्लैब 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है।)
अभी पांच लाख तक के दायरे में भी छूट मिलता है
मौजूदा समय पांच लाख रुपये तक की शुद्ध कर योग्य आय वाले व्यक्ति को पुराने और साथ ही नई कर प्रणाली दोनों में धारा 87A के तहत 12,500 रुपये तक की कर छूट का लाभ मिलता है। मतलब ऐसे लोग 87A के तहत अलग-अलग निवेश दिखाकर आयकर से छूट हासिल कर लेते हैं। ऐसे में पांच लाख तक की आय वालों को भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
साल 2014 से सेक्शन 80C के तहत कटौती की सीमा में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। साल 2014 के बजट में 80C के तहत किए गए निवेश पर आयकर छूट की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी गई थी, जबकि होम लोन पर ब्याज की कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया था।
साल 2015 के बजट में सरकार ने सेक्शन 80CCD के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत योगदान के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती की शुरुआत की थी। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा भी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है।
बीते 8 साल से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं
बीते 8 सालों से टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किए गए हैं। बजट 2014-15 में 60 साल से कम उम्र वाले करदाताओं के लिए इनकम टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दी गई। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की गई। हालांकि बजट 2019-2020 में 5 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स (सेक्शन 87A) में पूरी छूट दे दी गई। ये छूट अस्थाई तौर पर दी गई है।