भोपाल समेत कई जिलों में आंधी-तूफ़ान के साथ बारिश के आसार, गेहूं-सरसों की फसल पर संकट
मप्र में मौसम के मिजाज पल-पल बदल रहे हैं और आंधी-तूफ़ान के साथ बारिश भी हो सकती है। कहीं-कहीं विनाशकारी ओले भी गिर रहे हैं। मध्यप्रदेश में तेज बारिश, ओले और तेज आंधी से गेहूं-सरसों की फसल पर संकट छा गया है। मौसम विभाग के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर बनी पांच मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही रुक-रुककर वर्षा भी हो रही है।

भोपाल। मप्र में मौसम के मिजाज पल-पल बदल रहे हैं और आंधी-तूफ़ान के साथ बारिश भी हो सकती है। कहीं-कहीं विनाशकारी ओले भी गिर रहे हैं। मध्यप्रदेश में तेज बारिश, ओले और तेज आंधी से गेहूं-सरसों की फसल पर संकट छा गया है। मौसम विभाग के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर बनी पांच मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही रुक-रुककर वर्षा भी हो रही है।
इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक खजुराहो में 33, मलाजखंड में 16.4, भोपाल में 10.4, खंडवा में 8.1, बैतूल में 6.8, गुना में 5.4, मंडला में 5.2, रतलाम में 5.0, सागर में 4.1, उज्जैन में 3.0, नर्मदापुरम में 1.6, सिवनी में 1.4, रायसेन में 1.4, दमोह में 1.0 और इंदौर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।
अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार मिल रही नमी
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी मिलने के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में वर्षा हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञानी ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जबलपुर के आसपास बना हुआ है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ ईरान और अफगानिस्तान के बीच में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। राजस्थान के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
21 मार्च तक इसी तरह बना रह सकता है मौसम का मिजाज
राजस्थान और उससे लगे पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में भी चक्रवात बना हुआ है। साथ ही इस चक्रवात से लेकर छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। अलग–अलग स्थानों पर बनी इन पांच मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे मध्य प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। साथ ही गरज–चमक के साथ वर्षा हो रही है। 21 मार्च तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है।
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तेज बारिश, ओले और तेज आंधी से गेहूं-सरसों की फसल पर संकट
मध्यप्रदेश में तेज बारिश, ओले और तेज आंधी से गेहूं-सरसों की फसल पर संकट छा गया है। कई शहरों में हवा 75Km प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही है, तो आसमान से ओलों की बारिश हो रही है। कई शहरों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पांच दिन से बिगड़े सिस्टम की वजह से गेहूं, चने और सरसों की फसलों पर असर पड़ा है। अगले दो दिन मौसम और बिगड़ा हुआ रहेगा। वहीं, आकाशीय बिजली चमकने और गिरने की आशंका भी रहेगी।
इन जिलों में बदला मौसम
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, विदिशा, रायसेन, झाबुआ, मंदसौर, रतलाम, नीमच, बैतूल, राजगढ़, सागर, सतना, छतरपुर, दमोह, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, उज्जैन, देवास, शाजापुर, सीहोर, बालाघाट, बुरहानपुर, शिवपुरी, खंडवा, हरदा, मुरैना, धार, डिंडौरी, सिवनी, आगर, नरसिंहपुर, रीवा समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। शनिवार को ज्यादातर इलाकों में बारिश, ओलावृष्टि हुई। वहीं, तेज आंधी भी चली।