खेलो में बनाई अपनी विशिष्ट पहचान
मध्यप्रदेश में वैसे तो खेलो के कई अच्छे खिलाड़ी और कोच मौजूद है , पर भोपाल शहर के विक्रम सिंह तोमर ने बैडमिंटन एवम शतरंज के क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है | वे अब तक जोनल स्तर पर बैडमिंटन 10 खिताब अपने नाम कर चुके है

भोपाल | मध्यप्रदेश में वैसे तो खेलो के कई अच्छे खिलाड़ी और कोच मौजूद है , पर भोपाल शहर के विक्रम सिंह तोमर ने बैडमिंटन एवम शतरंज के क्षेत्र में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है | वे अब तक जोनल स्तर पर बैडमिंटन 10 खिताब अपने नाम कर चुके है , कई जोनल स्तर बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में वे विजेता एवम उपविजेता का खिताब , सिंगल्स एवम डबल्स में भी जीत चुके है साथ ही उनके बेटे श्रेष्ठ सिंह तोमर एवम समृद्ध सिंह तोमर बैडमिंटन में राज्य स्तर के खिलाड़ी है , एवम भोपाल डिस्ट्रिक्ट में अंडर 7 अंडर 9 एवम अंडर 11 के खिताब भी जीत चुके है इसके साथ ही विक्रम सिंह तोमर भोपाल मैराथन में उपविजेता भी रह चुके है |
यदि अब बात शतरंज की करे तो विक्रम सिंह तोमर ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के सीनियर नेशनल आर्बिटर एवम अंतरराष्ट्रीय रेटेड खिलाड़ी भी है , वे कई प्रतियोगिताएं जीत चुके है इसमें साथ ही कई नेशनल एवम इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में आर्बिटर की भूमिका भी निभा चुके है , वर्ल्ड चेस एरेना की ओर से उन्हें एरेना कैंडिडेट मास्टर का टाइटल भी दिया गया है |उनके बेटे श्रेष्ठ सिंह तोमर कई डिस्ट्रिक्ट एवम एस जी एफ आई , राज्य स्तर एवम राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व कर चुके है | श्रेष्ठ सिंह तोमर को वर्ल्ड एरेना चेस फेडरेशन की ओर से एरिना फीडे मास्टर का टाइटल भी दिया जा चुका है वह भी एक इंटरनेशनल रेटेड शतरंज खिलाड़ी है|
विक्रम सिंह के परिवार में छोटे बेटे समृद्ध सिंह तोमर मध्यप्रदेश शतरंज के अंडर 7 के स्टेट चैंपियन रह चुके है साथ ही सागर पब्लिक स्कूल की ओर से डिस्ट्रिक्ट एवम डिविजनल लेवल शतरंज प्रतियोगिताएं भी जीत चुके है इसके अलावा वे कॉमनवेल्थ चैस चैंपियनशिप 2018 में देश का प्रतिनिधित्व भी कर चुके है , एवम 2 नेशनल चैंपियनशिप में प्रदेश का भी प्रतिनिधित्व कर चुके है| समृद्ध को वर्ल्ड एरिना चेस फेडरेशन की ओर से एरिना कैंडिडेट मास्टर का खिताब भी दिया जा चुका है |
विक्रम सिंह तोमर ने बताया है कि हर व्यक्ति को खेलो से जुड़े रहना चाहिए क्योंकि खेलो से ही व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है एवम खेलो से जुड़े रहने से बच्चो को कांपिटेटिव माहोल के अनुसार तैयार किया जा सकता है और लगातार प्रैक्टिस से ये बच्चे आगे चलकर देश का भी नाम रोशन करते है | खेलो का सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि जो बच्चे खेलो में बिजी रहते है वह मोबाइल एवम टीवी की आदतों से भी दूर रहते है | इसलिए सभी को बच्चों को खेलो के प्रति अवश्य जाग्रत करना चाहिए|