सरकार ने फिर दिखाई चीनी ऐप पर सख्ती, 138 सट्टेबाजी और 94 लोन ऐप भारत में बैन
चीनी ऐप के खिलाफ सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय ने 138 बैटिंग (सट्टेबाजी) ऐप और 94 लोन ऐप को बंद कर दिया गया है। चीनी लिंक वाले सट्टेबाजी और कर्ज देने वाले ऐप्स के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स (betting apps) और 94 लोन देने वाले ऐप्स (loan lending apps) को तत्काल बैन कर दिया है।

नई दिल्ली। चीनी ऐप के खिलाफ सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय ने 138 बैटिंग (सट्टेबाजी) ऐप और 94 लोन ऐप को बंद कर दिया गया है।
चीनी लिंक वाले सट्टेबाजी और कर्ज देने वाले ऐप्स के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स (betting apps) और 94 लोन देने वाले ऐप्स (loan lending apps) को तत्काल बैन कर दिया है।
गृह मंत्रालय से जानकारी आई है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इन चाइनीज लिंक वाले एप को तत्काल और आपातकालीन आधार पर प्रतिबंधित और ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले ही 288 चाइनीज लोन एप का नजर रखना शुरू किया था। इनमें से 94 एप ऐसे हैं, जो एप स्टोर पर उपलब्ध हैं और अन्य एप थर्ड पार्टी लिंक के माध्यम से काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को इस सप्ताह गृह मंत्रालय से इन एप्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन एप्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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आपातकालीन आधार पर लगा बैन
रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन एप्स के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है। जिसके बाद इन चाइनीज लिंक वाले 138 बेटिंग एप और 94 लोन एप को तत्काल और आपातकालीन आधार पर प्रतिबंधित और ब्लॉक किया गया है।
ब्लैकमेल तक करते हैं लोन एप
बता दें कि इससे पहले भी लोन एप ब्लैकमेलिंग और यूजर्स की निजी जानकारी चुराने को लेकर सरकार की नजर पर हैं। ये एप बिना किसी कागजी कार्रवाई और बिना केवायसी के लोन देने का ऑफर देते हैं। ऐसे में लोगों को इन एप से लोन लेना सबसे आसान और फास्ट प्रोसेस लगती है और लोग इनका शिकार हो जाते हैं। कई बार तो लोग कर्ज और ब्लैकमेल से परेशान होकर सुसाइड तक कर लेते हैं।
ऐप्स को जासूसी उपकरण में बदलने की क्षमता
जांचकर्ताओं ने ये भी पाया कि सर्वर-साइड सिक्योरिटी का दुरुपयोग करके इन ऐप्स को जासूसी उपकरण में बदलने की क्षमता है। क्योंकि इन ऐप्स के पास भारतीयों के महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच है। ऐसे डेटा तक पहुंच का उपयोग बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए किया जा सकता है। बैन किए गए लगभग सभी ऐप चीनी नागरिकों ने तैयार किए थे। जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और उन्हें कामकाज की जिम्मेदारी सौंपी। लोगों को कर्ज लेने के लिए लुभाने के बाद उन्होंने सालाना ब्याज 3,000 फीसदी तक बढ़ा दिया, जब कर्जदार पूरा कर्ज तो दूर ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए तो इन ऐप्स के लोगों ने कर्जदारों को परेशान करने का सिलसिला शुरू कर दिया।
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कर्जदारों को भेजे भद्दे संदेश
इन ऐप्स से कर्जदारों को भद्दे संदेश भेजे गए, उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को जारी करने की धमकी दी गई और उन्हें अपने संपर्कों को संदेश भेजकर शर्मसार किया गया। विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इन ऐप्स के कई कर्जदारों की आत्महत्याओं के बाद ये मुद्दा सुर्खियों में आ गया था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन ऐप्स को ‘इमरजेंसी ब्लॉक’ करने की गृह मंत्रालय की सिफारिश पर कार्रवाई शुरू की है। दोनों मंत्रालयों से यह पुष्टि करने के बाद कार्रवाई शुरू की गई है कि इन ऐप्स पर आईटी अधिनियम की धारा 69 लागू होती है, क्योंकि इनमें ऐसी सामग्री है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली है।