खाद्य और अखाद्य दोनों तरह के तेलों सहित कुल तेल आयात एक साल पहले की समान अवधि में 15.29 लाख टन का हुआ था। तेल वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के पहले सात महीनों के दौरान कुल विजिटेबल तेल आयात एक साल पहले की इसी अवधि के 86.78 लाख टन से घटकर 78.84 लाख टन रह गया।
By: Prafull tiwari
Jun 12, 20257:24 PM
नयी दिल्ली। भारत का खाद्य तेल आयात मई में लगातार छठे महीने भी घटकर 11.87 लाख टन रह गया है। यह पिछले साल मई में हुए आयात से 22.36 प्रतिशत कम है। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने गुरुवार यह जानकारी दी। इसके साथ ही, एसईए ने कहा कि हालिया आयात शुल्क में कटौती से आयात की कुल मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
खाद्य और अखाद्य दोनों तरह के तेलों सहित कुल तेल आयात एक साल पहले की समान अवधि में 15.29 लाख टन का हुआ था। तेल वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के पहले सात महीनों के दौरान कुल विजिटेबल तेल आयात एक साल पहले की इसी अवधि के 86.78 लाख टन से घटकर 78.84 लाख टन रह गया। 30 मई को सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के अपरिष्कृत (कच्चे) तेलों पर मूल आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था, जिससे कुल आयात शुल्क 27.5 प्रतिशत से घटकर 16.5 प्रतिशत रह गया है।
एसईए ने कहा, इस कदम से खाद्य तेल आयात की कुल मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इससे खाद्य तेल की कीमतों पर कोई दबाव पड़ने की संभावना नहीं है। इसने कहा कि कच्चे तेल पर आयात शुल्क कम करने के सरकार के इस कदम से रिफाइंड पाम तेल (पामोलीन) के आयात में कमी आएगी और मांग वापस कच्चे पाम तेल की ओर बढ़ेगी, जिससे घरेलू रिफाइंिनग क्षेत्र में नई जान आएगी।
इसके विपरीत, कच्चे तेल पर शुल्क में कमी से घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा। एसोसिएशन ने सदस्यों से शुल्क कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की अपील की है। एसईए के आंकड़ों के अनुसार, मई में पाम तेल का आयात 22.32 प्रतिशत घटकर 5.92 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले 7.63 लाख टन था, जबकि कच्चे पाम तेल की खेप 5.03 प्रतिशत घटकर 5.05 लाख टन रह गई।
नरम तेलों (सॉफ्ट आयल) में सोयाबीन तेल का आयात 23 प्रतिशत घटकर 3.98 लाख टन रह गया, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात 55.30 प्रतिशत घटकर 1.83 लाख टन रहा। पिछले सात माह में पाम तेल की हिस्सेदारी 58 प्रतिशत से घटकर 42 प्रतिशत रह गई, जबकि नरम तेलों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत हो गई। दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल उपभोक्ता और आयातक देश, भारत के पास एक जून तक 13.33 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक था।
एसईए ने कहा, नेपाल से हर महीने लगभग 60,000 से 70,000 टन परिष्कृत (रिफाइंड) खाद्य तेलों का आयात भारत के समग्र आयात और इस तरह स्टॉक की स्थिति को प्रभावित करता है। इंडोनेशिया और मलेशिया भारत के प्रमुख पाम तेल आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस सोयाबीन तेल की आपूर्ति करते हैं। रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं।