मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आज से भरे जाएंगे नामांकन
मध्य प्रदेश में 29 जून को रिक्त हो रही राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव दस जून को कराया जाएगा। चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को रिटर्निंग आफिसर विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह जारी करेंगे। इसके साथ ही नामांकन पत्र जमा करने का काम प्रारंभ हो जाएगा। नामांकन पत्रों की जांच एक जून को होगी और तीन जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

भोपाल
मध्य प्रदेश में 29 जून को रिक्त हो रही राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव दस जून को कराया जाएगा। चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को रिटर्निंग आफिसर विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह जारी करेंगे। इसके साथ ही नामांकन पत्र जमा करने का काम प्रारंभ हो जाएगा। नामांकन पत्रों की जांच एक जून को होगी और तीन जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
विधानसभा के प्रमुख सचिव ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 31 मई तक नामांकन पत्र स्वीकार किए जाएंगे। यदि मतदान की नौबत आई तो दस जून को सुबह नौ से चार बजे तक मतदान कराया जाएगा। इसके एक घंटे बाद पांच बजे से मतगणना प्रारंभ होगी और इसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। चुनाव के लिए पूरी प्रक्रिया विधानसभा के समिति कक्ष में संपन्न् कराई जाएगी। नामांकन पत्र 11 से तीन बजे तक स्वीकार होंगे।
यह है विधानसभा में दलीय स्थिति
कुल सदस्य संख्या- 230
भाजपा- 127
कांग्रेस- 96
बसपा- 02
सपा- 01
निर्दलीय-04
जयभान सिंह पवैया को राज्यसभा में भेजा जा सकता
मध्य प्रदेश से बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक रहे जयभान सिंह पवैया को राज्यसभा में भेजा जा सकता है। पवैया शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और महाराष्ट्र भाजपा के सह प्रभारी हैं। अगले महीने मप्र में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें से दो भाजपा को मिलेगी और एक कांग्रेस के खाते में जाएगी। पार्टी नेताओं के मुताबिक भाजपा की दूसरी सीट पर दिल्ली से हाईकमान द्वारा नाम भेजा जा सकता है। गौरतलब है कि अगले माह जून में भाजपा के राज्यसभा सदस्य एमजे अकबर, सम्पतिया उइके और कांग्रेस के विवेक तन्खा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इन पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है।
10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस की सियासत तेज हो गई है। भाजपा को मिलने वाले दो पदो में से एक सीट प्रदेश को मिलने की उम्मीद है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस पद पर पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का नाम चर्चा में है। पवैया मूल रूप से हिंदूवादी नेता रहे हैं। 1999 में वे ग्वालियर संसदीय सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इसके बाद वे 2013 में मप्र विधानसभा के सदस्य बने। 2016 में शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। 2018 में पवैया विधानसभा चुनाव हार गए थे। पवैया की भूमिका बाबरी मस्जिद ढहाए जाने में भी रही है। बाद में सीबीआइ ने उन्हें ढांचा ढहाने के मामले में मुख्य आरोपी भी बनाया था।
कुछ महीनों पहले ही वे अदालत से निर्दोष बरी हुए। भाजपा में विकल्प के रूप में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी चर्चा में है। विजयवर्गीय लंबे समय से संगठन का काम संभाल रहे हैं। पार्टी ने उन्हें बंगाल का प्रभारी बनाया हुआ है। राज्यसभा के एक अन्य पद के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल या किसी अन्य केंद्रीय मंत्री का नाम भेजा जा सकता है।
तन्खा के नाम पर सहमति के आसार
उधर, कांग्रेस में मौजूदा राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा के नाम पर सहमति बनने के आसार हैं। उन्हें पहले छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा की थी लेकिन उनकी सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश से ही उन्हें भेजा जा सकता है। विकल्प के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का नाम भी चर्चा में है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ का समर्थन भी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि राष्ट्रीय राजनीति के समीकरणों को साधने के लिए किसी व्यक्ति को टिकट दिया जाता है तो वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जा सकते हैं।