मढ़ई, चूरना, बोरी समेत 5 रेंज में लगेंगे 600 कैमरे
By: Gulab rohit
Nov 12, 20256:02 PM
नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 15 नवंबर से अखिल भारतीय बाघ गणना 2026 का दूसरा चरण शुरू होगा। इस बार गणना पूरी तरह पेपरलेस रहेगी और कोर-बफर जोन के साथ सामान्य वन क्षेत्र भी शामिल किए गए हैं।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में दो चरणों में यह कैमरा ट्रैपिंग गणना होगी। पहले चरण में चूरना, बोरी, मढ़ई, बागरा-बफर, तवा बफर रेंज के कोर-बफर जोन में कैमरा ट्रैपिंग होगी। 25 दिनों तक कैमरा ट्रैपिंग करने के बाद दूसरा चरण दिसंबर के आखिरी सप्ताह से शुरू होगा। पहले चरण में इन चारों रेंज में करीब 600 कैमरे लगाने का काम पूरा हो चुका है। पहली बार टाइगर रिजर्व, सेंचुरी, संरक्षित क्षेत्र के साथ सामान्य वन क्षेत्रों को भी गणना में शामिल किया जा रहा है। गणना पूरी तरह पेपरलेस होगी।
एसटीआर के चारों क्षेत्रों में 15 नवंबर सुबह 8 बजे से रोजाना 24 घंटे वन्यजीवों की गणना के लिए कैमरा ट्रैपिंग की जाएगी। प्रति सप्ताह इन कैमरे से रिकार्डिंग संग्रहित करके सीधे क्षेत्र कार्यालय भेजी जाएगी। फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि अखिल भारतीय बाघ गणना चार साल में एक बार होती है। फ्रेस थ्री गणना कैमरा ट्रैपिंग होगी। फेस-1 गणना 1 दिसंबर से चार चरणों में होगी।
दूसरे चरण में पचमढ़ी, पिपरिया, मटकुली क्षेत्र में होगी गणना
पहला चरण 15 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलेगा। जो 25 दिनों लगे रहेंगे। इसके बाद दूसरा चरण 20 दिसंबर से शुरू होगा। जिसमें एसटीआर के पिपरिया बफर, मटकुली, देनवा बफर, पश्चिम पचमढ़ी, पूर्व पचमढ़ी के क्षेत्र में गणना होगी।
1 दिसंबर से मांसाहारी और शाकाहारी वन्यप्राणियों की गणना
1 दिसंबर से शाकाहारी और मांसाहारी वन्य प्राणियों की गिनती होगी। जिसमें बीट, गार्ड, सुरक्षा श्रमिक समेत अफसर फील्ड में पहुंचकर देखेंगे। सामान्य वन क्षेत्रों में लगातार बढ़ी बाघ गतिविधियों के कारण इस बार बाघ मित्र और ग्राम वन समितियों को भी शामिल किया गया है। बाघों के साथ तेंदुआ, जंगली हाथी, भारतीय बायसन (गौर) और अन्य बड़े मांसाहारी जीवों की गिनती होगी।