मप्र के बुरहानपुर जिले में बेमौसम वर्षा और तेज हवा से सैकड़ों हेक्टेयर की फसलें बर्बाद, किसानों ने की जल्द सर्वे की मांग
मप्र में कुछ दिनों से बारिश और तेज आंधी ने फसलों को चौपट कर दिया है। बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों को परेशानी में डाल दिया है। बुरहानपुरजिले में शनिवार को रातभर झमाझम वर्षा हुई। जिससे सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। रविवार सुबह खेतों में पहुंचे किसानों की आंखों से आंसू निकल आए।

भोपाल। मप्र में कुछ दिनों से बारिश और तेज आंधी ने फसलों को चौपट कर दिया है। बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों को परेशानी में डाल दिया है। बुरहानपुरजिले में शनिवार को रातभर झमाझम वर्षा हुई। जिससे सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। रविवार सुबह खेतों में पहुंचे किसानों की आंखों से आंसू निकल आए। खेतों में खड़ी चना, गेहूं, मक्का और केला फसल को भारी नुकसान हुआ है। ज्ञात हो कि बीते एक सप्ताह में यह तीसरा मौका है, जब वर्षा ने किसानों को रुलाया है। इससे पहले दो बार बारिश हो चुकी है, लेकिन तब एक-दो घंटे की वर्षा से फसलें सिर्फ भीगी थीं। शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे से वर्षा का दौर शुरू हुआ तो सुबह चार बजे तक चला।
इसके साथ ही तेज हवा ने गेहूं और केले के पौधों को जमीन पर लिटा दिया है। शनिवार शाम धूलकोट क्षेत्र के गंभीरपुरा मे वर्षा के साथ बेर के आकार के ओले भी गिरे थे। बुरहानपुर जिला प्रशासन ने फिलहाल कृषि और राजस्व विभाग का एक संयुक्त दल गठित किया है। यह दल सोमवार से गांवों में जाकर फसलों की स्थिति देखेगा।
जिले में करीब 23 हजार हेक्टेयर है गेहूं का रकबा
कृषि विभाग के अनुसार जिले में करीब 23 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई थी। करीब 21 हजार हेक्टेयर में चना, 12 हजार हेक्टेयर में मक्का और 12 हजार हेक्टेयर में केला फसल बोई गई थी। शाहपुर क्षेत्र के भावसा, खामनी, मालवीर, मोहद बंभाड़ा सहित अन्य गांवों में रबी सीजन की फसलों के साथ तरबूज फसल को भी नुकसान होने की खबर है। इसी तरह खकनार क्षेत्र के धाबा, डोईफोड़िया, खकनार सहित अन्य गांवों में केला फसल को भी नुकसान पहुंचा है। नेपानगर और बुरहानपुर के आसपास भी फसलों को क्षति हुई है।
फसलों को हुए नुकसान का जल्द सर्वे कराने की मांग
भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने बेमौसम हुई वर्षा से फसलों को हुए नुकसान का जल्द सर्वे कराने की मांग की है। उन्होंने कलेक्टर से चर्चा कर जल्द विशेषज्ञों का सर्वे दल गठित कर प्रभावित क्षेत्रों का आंकलन कराने के लिए कहा है। किसानों को आश्वस्त किया है कि नुकसान की भरपाई के लिए वे हरसंभव मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि किसान अपने पसीने से फसलों को सींचता है, तभी अन्न का दाना मिल पाता है। प्राकृतिक आपदाएं उनके सपने चकनाचूर कर देती हैं।