वाहन चोर गिरोह गिरफ्तार: ‘मास्टर-की’ से लॉक खोल कर चुरा रहे थे वाहन 

पुलिस ने सात आरोपियों से 10 बाइक की जब्त, Police seized 10 bikes from seven accused

वाहन चोर गिरोह गिरफ्तार: ‘मास्टर-की’ से लॉक खोल कर चुरा रहे थे वाहन 

सतना। जिला पुलिस एक शातिर वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह ‘मास्टर-की’ से बाइक का लॉक खोलकर वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। अलग-अलग थाना पुलिस की टीमों ने एक संयुक्त अभियान चलाकर वाहन चोर गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी के दस दो पहिया वाहन बरामद किए हैं। एसपी सतना धर्मवीर सिंह ने बाइक चोर गिरोह को पकड़ने वाली टीम को 5 हजार रुपए का इनाम दिया है।

जानकारी के मुताबिक सतना पुलिस की कोलगवां, सिटी कोतवाली, सिविल लाइन और रामपुर बाघेलान थाना की संयुक्त टीम ने जिले में हो रही वाहन चोरी की वारदातों को रोकने और वाहन चोर को पकड़ने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया था। जिसमें पुलिस को सफलता मिली और बाइक चोर गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी। पुलिस ने गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया। इस अभियान में जिले की साइबर सेल की टीम भी शामिल रही। 

गिरोह का मास्टर माइंड बच्ची
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों में गैंग का मास्टर माइंड बच्ची यादव उर्फ पवन पिता लाला यादव 25 वर्ष निवासी टिकुरिया टोला, संजय चौधरी पिता पुरुषोत्तम चौधरी 23 वर्ष निवासी सिधौली रामपुर, अमन साहू निवासी कृपालपुर, डैडी उर्फ अर्जुन सिंह निवासी चाणक्यपुरी कॉलोनी सतना, धर्मेंद्र चौधरी के अलावा 2 नाबालिग भी शामिल हैं। 

चोरी की बाइक बेचने पहुंचे थे
पुलिस को सूचना मिली थी कि दो संदिग्ध व्यक्ति बाइक बेचने की कोशिश में हैं। वे गाड़ी को औने-पौने दाम में बेचने का प्रयास कर रहे है। संभवत: बाइक चोरी की है। इस आधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर सोहावल मोड पर दो संदिग्धों को रोका और पूछताछ की तो उनके पास मिली बाइक चोरी की निकली।  आगे की पूछताछ में आरोपियों ने अपने अन्य पांच साथियों के साथ मिलकर वाहन चोरी की वारदातें करना कबूल किया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर दो नाबालिग समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी के 10 दो पहिया वाहन बरामद किया है। 

रेकी कर ‘मास्टर-की’ से खोलते थे लॉक
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे वाहन चोरी करने के पहले इलाके की रेकी करते थे। इस काम में वे अपने नाबालिग साथियों की भी मदद लेते थे। उन्होंने वाहन चुराने के लिए पहले से ही कई ‘मास्टर-की’ तैयार कर रखी थीं। रेकी के बाद उन्हीं ‘मास्टर-की’ से लॉक खोल कर वाहन चुराकर ले जाते थे।