दूसरा गेट बनने के बाद सतना जंक्शन का बुरा हाल, पैसेंजरों को झेलनी पड़ रही परेशानी

यूं तो रेलवे के नियमानुसार आॅटो चालकों का प्लेटफार्म में प्रवेश करना वर्जित है लेकिन सतना जंक्शन में इसे कोई देखने- सुनने वाला नहीं है, आॅटो चालक सेकंड इंट्री गेट से प्लेटफार्म के अंदर तक जा घुसते हैं और यात्रियों से जबरन आॅटो में चलने के लिए परेशान करते हैं।

दूसरा गेट बनने के बाद सतना जंक्शन का बुरा हाल, पैसेंजरों को झेलनी पड़ रही परेशानी

सतना। विंध्य के प्रवेश द्धार कहे जाने वाले सतना जंक्शन में सेकंड इंट्री गेट बनने के बाद भी यात्रियों को राहत नहीं मिल रही है। प्लेटफार्म एक में यात्रियों का जबरदस्त रेला रहता है। भीड़ में नौबत यहां तक आ जाती है कि यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की तक होती है। बताया जाता है कि इंटरसिटी एक्सप्रेस, शटल एक्सप्रेस, रीवा-आनंद बिहार से लेकर रेवांचल एवं रीवा से शुरू होने वाली टेÑनों के आने- जाने तक प्लेटफार्म क्र. एक पूरी तरह खचाखच भरा रहता है। स्थानीय रेलवे अधिकारियों के अनुसार प्लेटफार्म क्र. दो-तीन में आने -जाने वाले लगभग 70 से 80 प्रतिशत यात्री प्लेटफार्म क्र. एक से ही आते- जाते हैं। बताया जाता है कि सतना स्टेशन में प्लेटफार्म क्र. एक काफी संकरा है जिससे प्राइम गाड़ियों के समय भीड़ ज्यादा होने की वजह से पैसेंजरों को परेशानी झेलनी पड़ती है। 

सेकंड इंट्री गेट में आॅटो वालों का कब्जा 
यूं तो रेलवे के नियमानुसार आॅटो चालकों का प्लेटफार्म में प्रवेश करना वर्जित है लेकिन सतना जंक्शन में इसे कोई देखने- सुनने वाला नहीं है, आॅटो चालक सेकंड इंट्री गेट से प्लेटफार्म के अंदर तक जा घुसते हैं और यात्रियों से जबरन आॅटो में चलने के लिए परेशान करते हैं। कई बार तो यह भी सामने आया है कि आॅटो चालक यात्रियों का जबरदस्ती सामान व हाथ पकड़ कर खींचने लगते हैं। यात्रियों से मनमाना किराया लेते हैं। यही हाल मेन इंट्री गेट में होना बताया जाता है। 

कड़कड़ाती ठंड में प्लेटफार्म में रात गुजार रहे यात्री 
रेलवे ने सतना स्टेशन के यात्री प्रतीक्षालयों को निजी हाथों में सौंप दिया था, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। अपर क्लास के यात्रियों को एसी वेटिंग रूम में बैठने के लिए 10 रुपए प्रति घंटे का चार्ज देना पड़ता है तो वहीं जनरल वेटिंग हॉल में नमह संचालक ने कुर्सियां ही कुर्सियां लगा रखी हैं। पहले जनरल प्रतिक्षालय जब रेलवे द्वारा संचालित होता था तो ठंड के दिनों में यात्री यहीं पर लेट कर अपनी टेÑनों का इंतजार करते थे। हालांकि जनरल प्रतिक्षालय में अभी बैठने का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है लेकिन कई बार यूरिनल एवं आंचल कक्ष के भी पैसे वसूलने की शिकायतें सामने आती रहती हैं। बताया जाता है कि जनरल श्रेणी के यात्रियों को प्लेटफार्म में कड़कड़ाती ठंड में रात गुजारने के लिए मजबूर रहते हैं। टेÑनें जितनी लेट रहती हैं परेशानी उतनी ही बढ़ती रहती है।