01 नवंबर 2025 का विस्तृत पंचांग: देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) की तिथि, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, नक्षत्र और योग की जानकारी। इस दिन से चातुर्मास समाप्त होगा और शुरू होंगे मांगलिक कार्य।
By: Ajay Tiwari
Nov 01, 20251:04 AM
देवउठनी/प्रबोधिनी एकादशी (गृहस्थ), कंस वध, भीष्म पंचक प्रारम्भ | 01 नवंबर 2025 का पंचांग
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
| विवरण | मान | समय सीमा (लगभग) |
| तिथि (Tithi) | कार्तिक, शुक्ल पक्ष दशमी | सुबह 09:12 बजे तक |
| कार्तिक, शुक्ल पक्ष एकादशी (देवउठनी/प्रबोधिनी) | पूरे दिन (09:12 बजे के बाद) | |
| दिन | शनिवार | - |
| मास (हिन्दू) | कार्तिक | - |
| नक्षत्र (Nakshatra) | शतभिषा | शाम 06:20 बजे तक |
| योग (Yoga) | ध्रुव | देर रात 02:09 बजे तक (अगले दिन) |
| करण (Karana) | गर | सुबह 09:12 बजे तक |
| वणिज | रात 08:28 बजे तक | |
| सूर्य राशि | तुला | - |
| चंद्र राशि | कुम्भ | पूरे दिन |
| विक्रम संवत | 2082 (कालयुक्त) | - |
| शक संवत | 1947 (विश्वावसु) | - |
देवउठनी एकादशी / प्रबोधिनी एकादशी (स्मार्त/गृहस्थों के लिए): इस दिन भगवान विष्णु 4 माह की योगनिद्रा से जागते हैं, और चातुर्मास का समापन होता है। इसी दिन से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य पुनः आरम्भ हो जाते हैं।
कंस वध
भीष्म पंचक प्रारम्भ
| मुहूर्त | समय |
| सूर्योदय | प्रातः 06:32 बजे (लगभग) |
| सूर्यास्त | संध्या 05:36 बजे (लगभग) |
| चंद्रोदय | दोपहर 02:48 बजे (लगभग) |
| चंद्रास्त | अगले दिन प्रातः 02:44 बजे (लगभग) |
| राहुकाल (अशुभ) | सुबह 09:20 बजे से 10:42 बजे तक |
| गुलिक काल (अशुभ) | सुबह 06:36 बजे से 07:59 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त (शुभ) | सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक |
| ब्रह्म मुहूर्त (शुभ) | प्रातः 05:00 बजे से 05:48 बजे तक |
| अमृत काल (शुभ) | सुबह 11:17 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक |