11 नवंबर 2025 (मंगलवार) का विस्तृत पंचांग जानें। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि, पुष्य नक्षत्र, शुभ और अशुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल की सटीक जानकारी।
By: Ajay Tiwari
Nov 11, 20251:26 AM
धर्म डेस्क. स्टार समाचार वेब
तिथि: मार्गशीर्ष (अगहन) मास, कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि।
सप्तमी तिथि: रात्रि 11 बजकर 10 मिनट तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि आरंभ होगी।
वार: मंगलवार।
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
हिन्दू मास (पूर्णिमांत): मार्गशीर्ष
हिन्दू मास (अमांत): कार्तिक
ऋतु: हेमंत
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 40 मिनट
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 29 मिनट
चन्द्र राशि: कर्क (पूरे दिन चंद्रमा कर्क राशि में संचार करेंगे)
चन्द्रोदय: रात्रि 11 बजकर 20 मिनट (11/11/2025)
चन्द्रास्त: अगले दिन (12/11/2025) दोपहर 12 बजकर 32 मिनट
सूर्य राशि: तुला
नक्षत्र: पुष्य
पुष्य नक्षत्र: सायं 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा, इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र आरंभ होगा।
योग: शुभ
शुभ योग: प्रातः 09 बजकर 44 मिनट तक रहेगा, इसके बाद शुक्ल योग आरंभ होगा।
करण:
पहला करण: विष्टि (प्रातः 11 बजकर 32 मिनट तक)
दूसरा करण: बव (रात्रि 11 बजकर 08 मिनट तक)
इसके बाद बालव करण आरंभ होगा।
शुभ मुहूर्त (शुभ कार्य के लिए अनुकूल समय):
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04 बजकर 55 मिनट से प्रातः 05 बजकर 48 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त (दिन का सबसे शुभ समय): प्रातः 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से दोपहर 02 बजकर 36 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त: सायं 05 बजकर 29 मिनट से सायं 05 बजकर 56 मिनट तक।
अमृत काल: दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 01 बजकर 35 मिनट तक।
अशुभ समय (शुभ कार्य टालने चाहिए):
राहुकाल: दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से सायं 04 बजकर 08 मिनट तक। (इस समय कोई भी नया शुभ कार्य शुरू न करें)
यमगण्ड: प्रातः 09 बजकर 23 मिनट से प्रातः 10 बजकर 44 मिनट तक।
गुलिक काल: दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक।
दुर्मुहूर्त: प्रातः 08 बजकर 50 मिनट से प्रातः 09 बजकर 34 मिनट तक। (यह काल दोबारा सायं 04 बजकर 08 मिनट से सायं 04 बजकर 51 मिनट तक रहेगा)
भद्रा: प्रातः 06 बजकर 41 मिनट से प्रातः 11 बजकर 32 मिनट तक।
दिशा शूल: उत्तर दिशा।
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा करना दिशा शूल कहलाता है, इस दिशा में यात्रा करने से बचें। यदि बहुत आवश्यक हो तो गुड़ खाकर निकलें।
व्रत/पर्व:
इस दिन मासिक दुर्गाष्टमी या कालभैरव जयन्ती (कुछ पंचांगों के अनुसार 12 नवंबर को) मनाई जा सकती है।