8 नवंबर 2025, शनिवार का विस्तृत पंचांग जानें। इसमें तिथि (कृष्ण पक्ष तृतीया/चतुर्थी), नक्षत्र (मृगशिरा), योग (शिव/सिद्ध) और शुभ-अशुभ समय शामिल है। इस दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।
By: Star News
Nov 08, 20251:26 AM
धर्म डेस्क. स्टार समाचार वेब
मार्गशीर्ष मास (अगहन) का प्रारंभ हो चुका है और 8 नवंबर 2025 का दिन शनिवार रहेगा। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कई धार्मिक और ज्योतिषीय गणनाओं से युक्त है।
वार: शनिवार
मास: मार्गशीर्ष (अगहन)
पक्ष: कृष्ण पक्ष
संवत्सर: कालयुक्त
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
पर्व/त्योहार: इस दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा, जिसमें भगवान गणेश की पूजा और रात्रि में चंद्रमा के दर्शन का विधान है।
नक्षत्र: मृगशिरा नक्षत्र रात 10:03 PM तक रहेगा, इसके उपरांत आर्द्रा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा।
योग: शिव योग शाम 06:31 PM तक प्रभावी रहेगा, जिसके बाद सिद्ध योग का आरंभ होगा।
करण: पहला करण विष्टि (भद्रा) सुबह 07:33 AM तक रहेगा। इसके बाद बव करण शुरू होगा, जो शाम 05:55 PM तक रहेगा। तत्पश्चात बालव करण का प्रभाव रहेगा।
सूर्योदय: लगभग 06:38 AM
सूर्यास्त: लगभग 05:31 PM
चन्द्रोदय (गणाधिप संकष्टी के लिए): लगभग 07:46 PM (यह समय स्थान पर निर्भर करता है)
चन्द्रास्त: अगले दिन सुबह लगभग 09:46 AM
चन्द्र राशि: चंद्रमा दिन के लगभग 11:15 AM तक वृषभ राशि में रहेंगे, जिसके बाद वह मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य राशि: सूर्य तुला राशि में ही रहेंगे।
ऋतु: हेमंत
अभिजीत मुहूर्त: यह दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस दिन यह दोपहर लगभग 11:43 AM से 12:26 PM तक रहेगा।
ब्रह्म मुहूर्त: यह प्रातःकाल का पवित्र समय होता है, जो सुबह लगभग 04:53 AM से 05:46 AM तक रहेगा।
राहुकाल: इस समय में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। राहुकाल का समय सुबह लगभग 09:23 AM से 10:44 AM तक रहेगा।
यमगण्ड: दोपहर लगभग 01:25 PM से 02:45 PM तक रहेगा।
विशेष नोट: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन और गणेश जी की पूजा करने से संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।