पाकिस्तान में इन दिनों काफी तेजी से अफगानिस्तान के नागरिकों को गिरफ्तार किया जा रहा हैं। यूएन के अनुसार एक हफ्ते में 146 फीसदी अफगानियों को गिरफ्तार किया गया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि सरकार के नीतिगत फैसलों और सीमा चौकियों के फिर से खुलने के बाद अफगान नागरिकों की गिरफ्तारी, हिरासत और देश निकाले की रफ्तार पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।
By: Sandeep malviya
Nov 08, 20255:58 PM
पेशावर। पाकिस्तान में अफगान नागरिकों की गिरफ्तारियों और हिरासतों में भारी उछाल देखा गया है। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 1 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में गिरफ्तारियों में 146 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) और अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) की संयुक्त रिपोर्ट में बताया गया कि इस अवधि में कुल 7,764 अफगान नागरिकों को पाकिस्तान के कई इलाकों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया। यह आंकड़ा पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है।
बलूचिस्तान में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई, जहां कुल गिरफ्तारियों का 86 प्रतिशत हिस्सादर्ज किया गया। बलूचिस्तान के अलावा चागी, अटक और क्वेटाजिलों में भी इस साल जनवरी से नवंबर के बीच बड़ी संख्या में अफगानों की गिरफ्तारी हुई है।
दस्तावेज वाले भी निशाने पर
26 अक्तूबर से 1 नवंबर के बीच पकड़े गए लोगों में 77 प्रतिशत अफगान सिटीजन कार्ड (एसीसी) धारक और बिना दस्तावेज के अफगान नागरिक थे। वहीं प्रूफ आफ रजिस्ट्रेशन (पीओआर) कार्ड रखने वाले शरणार्थी कुल गिरफ्तार लोगों में 23 प्रतिशत थे।
वापसी और निर्वासन में भी तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में अफगानों की वापसी और निर्वासन में भी तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। बता दें कि, वापसी में 101 प्रतिशत और निर्वासन में 131 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं 19 से 25 अक्तूबर के बीच जहां 18,630 अफगान लौटे थे (जिनमें से 3,341 को जबरन निकाला गया), वहीं 26 अक्तूबर से 1 नवंबर के बीच यह संख्या 37,448 पहुंच गई, जिनमें 7,733 लोगों को निर्वासित किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से चमन सीमा के फिर से खुलने और तोरखम के 1 नवंबर को दोबारा खुलने के कारण हुई।
2023 से अब तक 16.6 लाख से ज्यादा लौटे अफगान
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर 2023 से 1 नवंबर 2025 के बीच 16,67,713 अफगान नागरिक पाकिस्तान से अपने देश लौट चुके हैं। 26 अक्तूबर से 1 नवंबर के बीच हुई वापसी में, 47% पीओआर कार्ड धारक, 44% बिना दस्तावेज वाले और 8% एसीसी धारक थे। वहीं निर्वासित किए गए लोगों में 93 प्रतिशत पूरी तरह बिना दस्तावेज वाले थे।
सरकारी सख्ती के बाद तेजी से निकासी
पाकिस्तान सरकार ने इस साल अफगान शरणार्थियों के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए। जुलाई में सरकार ने आदेश दिया कि जिन पीओआर कार्ड धारकों के कार्ड 30 जून को समाप्त हो चुके हैं, उन्हें देश छोड़ना होगा। बाद में सरकार ने 1 सितंबर की समय सीमा तय की कि सभी धारक स्वेच्छा से पाकिस्तान छोड़ दें।