सीबीएसई ने आगामी शिक्षा सत्र-2026-27 कक्षा 9 में ओपन-बुक एसेसमेंट (ओबीए) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये निर्णय दिसंबर 2023 में शुरू हुई एक पायलट स्टडी के के नतीजों के बाद लिया गया। इस शोध के दौरान शिक्षकों का भी समर्थन मिला।
By: Arvind Mishra
Aug 11, 20253:33 PM
सीबीएसई ने फिर ओपन बुक एग्जाम प्रस्ताव पर लगाई मुहर
व्यवस्था शैक्षणिक सत्र- 2026-27 से कक्षा 9 में होगी लागू
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
सीबीएसई ने आगामी शिक्षा सत्र-2026-27 कक्षा 9 में ओपन-बुक एसेसमेंट (ओबीए) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये निर्णय दिसंबर 2023 में शुरू हुई एक पायलट स्टडी के के नतीजों के बाद लिया गया। इस शोध के दौरान शिक्षकों का भी समर्थन मिला। दरअसल, सीबीएसई अगले साल से कक्षा 9 के लिए ओपन बुक परीक्षा शुरू करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत ओपन बुक असेसमेंट सिस्टम पर सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी की बैठक में विचार किया गया और करिकुलम कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है। ओपन बुक असेसमेंट सिस्टम यानी स्टूडेंट्स परीक्षा के दौरान अपनी किताबें, नोट्स या दी गई अध्ययन सामग्री देख सकते हैं और परीक्षा दे सकते हैं। इस आधार पर उनका असेसमेंट किया जाएगा।
इस तरह होता है ओपन बुक एग्जाम
ओपन बुक एग्जाम, एक ऐसा एग्जाम फॉर्मेट है जिसमें छात्र को परीक्षा के दौरान किताबें, नोट्स या बाकी चीजों (जिनकी परमिशन हो) का इस्तेमाल करने छूट होती है। स्टूडेंट्स, उन स्टडी मटेरियल की मदद से एग्जाम दे सकते हैं यानी बुक खोलकर परीक्षा लिखना। इस फॉर्मेट में बच्चे की समझ और नॉलेज का टेस्ट होता है। साथ ही एग्जाम में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो तथ्यों को याद करने बजाय समझाने और प्रॉब्लम सॉल्व करने पर बेस्ड होते हैं।
2018 में खत्म कर दी थी व्यवस्था
यह पहली बार नहीं है जब सीबीएसई ओपन बुक एग्जाम लागू करने की बात कर रहा है। इससे पहले ओपन बुक एग्जाम को पायलट प्रोजेक्ट या असेसमेंट सुधारने के लिए लागू किया जा चुका है। सबसे पहले इसे 2014 में लाया गया था, लेकिन 2017-18 में यह कहते हुए इसे खत्म कर दिया गया था कि इससे छात्रों में महत्वपूर्ण क्षमताओं का प्रभावी ढंग से विकास नहीं हुआ है।
अब इसलिए पड़ी जरूरत
सीबीएसई कक्षा-9 के लिए ओबीए के प्रस्ताव में कहा गया कि स्कूल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का कहना है कि पढ़ाई में रटने से हटकर स्किल्स पर आधरित शिक्षा की ओर बढ़ना जरूरी है। ओपन बुक असेसमेंट इस बदलाव का एक अहम साधन माना गया है। प्रस्ताव में कहा गया कि एक पायलट स्टडी में विभिन्न विषयों को आपस में जोड़ने वाले साझा मुद्दों पर टेस्ट लिया गया, जिसमें बच्चों ने अपनी किताबों/सामग्री का इस्तेमाल कर उत्तर दिए। इन नतीजों में स्कोर 12 फीसदी से 47 प्रतिशत के बीच ही रहा। इससे पता चला कि बच्चों को किताबों या स्टडी मटेरियल का प्रभावी उपयोग करने और विषयों को जोड़कर समझने में मुश्किल हो रही है।
ओपन बुक मूल्यांकन का फायदा
कई चुनौतियों के बावजूद, शिक्षकों ने कहा कि ओपन बुक मूल्यांकन से स्टूडेंट्स को फायदा होगा क्योंकि इससे बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग और वास्तविक जीवन से जुड़ी समझ विकसित होगी। साथ ही, संदर्भ के साथ उत्तर देने की क्षमता भी बढ़ेगी। पायलट प्रोजेक्ट में इन सबकी कमी देखी गई।
रटने से हटकर सोच पर फोकस
प्रस्ताव के मुताबिक कक्षा 9 में ओबीए को हर टर्म में 3 पेन-पेपर असेसमेंट के रूप में शामिल किया जाएगा। ये आकलन मुख्य विषयों में होंगे-लैंग्वेज, मैथमेटिक्स, साइंस और सोशल साइंस। क्वेश्चन पेपर एनसीएफएसई- 2023 के अनुसार होंगे ताकि बच्चे रटने की बजाय वास्तविक जीवन में ज्ञान का प्रयोग करें। यह भी कहा गया है कि पायलट स्टडी के अनुभव के आधार पर सैंपल पेपर बनाए जाएंगे, जिसमें प्रश्नों की क्वॉलिटी और क्रिटिकल थिंकिंग पर जोर रहेगा।