मध्यप्रदेश कांग्रेस की किरकिरी थमने का नाम नहीं ले रही है। कार्यकर्ताओं की उत्सुकता और जल्दबाजी ने एक बार फिर पार्टी को मजाक बना दिया। दरअसल, मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। चुनाव के लिए अब तक 9.5 लाख नए सदस्य बनाए गए हैं, लेकिन दावा किया जा रहा है कि सत्यापन में एक लाख निरस्त हो सकते हैं।
By: Arvind Mishra
मध्यप्रदेश कांग्रेस की किरकिरी थमने का नाम नहीं ले रही है। कार्यकर्ताओं की उत्सुकता और जल्दबाजी ने एक बार फिर पार्टी को मजाक बना दिया। दरअसल, मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। चुनाव के लिए अब तक 9.5 लाख नए सदस्य बनाए गए हैं, लेकिन दावा किया जा रहा है कि सत्यापन में एक लाख निरस्त हो सकते हैं। इसका कारण यह है कि कई सदस्य अपने नाम के साथ वोटर आईडी की जगह पैन कार्ड या दूसरे दस्तावेज अपलोड कर रहे हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी संजय कामले के अनुसार, सदस्यता और मतदान की प्रक्रिया में निर्धारित मापदंड के अनुसार जिन्होंने दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं या अन्य शर्तों का पालन नहीं किया है, उनका मत निश्चित तौर पर रद्द हो जाएगा। गौरतलब है कि इसके पहले दूसरे राज्यों में हुए चुनावों में भी मतदाता सूची में गड़बड़ियां मिलने से वोट निरस्त किए गए हैं। तमिलनाडु में पांच लाख से अधिक मतदाताओं ने वोट दिया था। इनमें लगभग आधे मत निरस्त हो गए थे। राजस्थान के चुनाव में भी ऐसी स्थिति बनी थी।
लाइव फोटो की जगह दूसरा फोटो अपलोड कर रहे हैं। माना जा रहा है कि अपने प्रत्याशी के समर्थन में अधिक मतदान के लिए गलत तरीके से सदस्यों या मतदाताओं की संख्या बढ़ाई जा रही है। सदस्यता लेने की आखिरी तारीख 19 जुलाई है। इसके लिए 35 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तय है। सदस्यता और मतदान की प्रक्रिया यूथ कांग्रेस इलेक्शन एप से की जा रही है। नए सदस्य ही मतदान कर सकते हैं।
नए सदस्य की जांच 19 जुलाई के बाद से शुरू होगी। सत्यापन में डेढ़ से दो माह लगेंगे। इसके बाद वैध मतों की गिनती कर परिणाम जारी किए जाएंगे। एआई से सदस्यता का सत्यापन किया जा रहा है, जिससे फर्जी सदस्य नहीं बन पाएं। इसमें देखा जा रहा है एक ही मोबाइल नंबर एक से अधिक जगह तो उपयोग नहीं हुआ। एप के माध्यम से लाइव फोटो अपलोड करने की जगह दूसरा फोटो तो नहीं लगाया गया है। वोटर आईडी कार्ड की जगह दूसरा दस्तावेज तो नहीं लगा है। यदि वोटर आईडी की जगह आधार कार्ड लगा है तो अन्य सहयोगी दस्तावेज लगाए या नहीं। इसी सत्यापन में एक लाख से भी अधिक मत अवैध होने की आशंका है।