रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को मलेशिया कुआलालंपुर में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा पर एक समझौते का आदान-प्रदान किया। इस दौरान अमेरिका ने भारत के साथ ऐतिहासिक 10 वर्षीय रक्षा रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए।
By: Arvind Mishra
Oct 31, 202512:22 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को मलेशिया कुआलालंपुर में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा पर एक समझौते का आदान-प्रदान किया। इस दौरान अमेरिका ने भारत के साथ ऐतिहासिक 10 वर्षीय रक्षा रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए। दरअसल, अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने एक्स को बताया कि उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। हेगसेठ ने कहा कि यह समझौता भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाता है, जिसे उन्होंने क्षेत्रीय स्थिरता और प्रतिरोध की आधारशिला बताया। हेगसेठ ने इसकी घोषणा करते हुआ कहा कि हम अपने समन्वय, सूचना साझाकरण और तकनीकी सहयोग को बढ़ा रहे हैं। हमारे रक्षा संबंध पहले कभी इतने मजबूत नहीं रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने भी 10 साल के समझौते पर हस्ताक्षर की पुष्टि की और हेगसेथ के साथ अपनी बैठक को सार्थक बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा- कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ के साथ एक सार्थक बैठक हुई। हमने 10 वर्षीय अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए। यह हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा।
राजनाथ ने कहा-यह रक्षा रूपरेखा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगी। यह हमारे बढ़ते रणनीतिक अभिसरण का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा। रक्षा हमारे द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ बना रहेगा। एक स्वतंत्र, खुले और नियमों से बंधे हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझेदारी अहम है।
राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ के बीच यह मुलाकात कुआलालंपुर में आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक के दौरान हुई। यह अनौपचारिक बैठक 1 नवंबर को होने वाली आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस से पहले आयोजित की गई थी। अपनी यात्रा से पहले, राजनाथ सिंह ने कहा था कि कुआलालंपुर में आसियान-भारत बैठकों का उद्देश्य आसियान सदस्य देशों और भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करना तथा एक्ट ईस्ट पॉलिसी को आगे बढ़ाना है।