अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एअर इंडिया सरकार के निशाने पर आई गई है। आए दिन एक न एक गड़बड़ी उजागर हो रही है। इसके चलते सरकार भी अब सख्त रुख अपना रही है। वहीं एयर इंडिया की उड़ानों में रखरखाव और गुणवत्ता संबंधी समस्याओं को लेकर यात्रियों की चिंता बढ़ रही है।
By: Arvind Mishra
Jun 22, 20255 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार बेव
अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एअर इंडिया सरकार के निशाने पर आई गई है। आए दिन एक न एक गड़बड़ी उजागर हो रही है। इसके चलते सरकार भी अब सख्त रुख अपना रही है। वहीं एयर इंडिया की उड़ानों में रखरखाव और गुणवत्ता संबंधी समस्याओं को लेकर यात्रियों की चिंता बढ़ रही है। एक नए सर्वे में 79 प्रतिशत यात्रियों ने चिंता जताई है, जो 2024 में 55 फीसदी थी। दरअसल, डायरेक्टोरेट जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीएसी) ने एअर इंडिया को गंभीर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर फ्लाइट आपरेशन में गड़बड़ियां जारी रहीं, तो एयरलाइन का लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है या वापस भी लिया जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह कदम पायलट ड्यूटी शेड्यूलिंग और निगरानी में लगातार और गंभीर उल्लंघनों के कारण उठाया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को डीजीएसी के आदेश पर एअर इंडिया को तीन अफसरों को हटाया था। इनमें डिविजिनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, क्रू शेड्यूलिंग करने वाली चीफ मैनेजर पिंकी मित्तल और क्रू शेड्यूलिंग की प्लॉनिंग से जुड़ी पायल अरोड़ा शामिल हैं। तीनों अफसरों के खिलाफ यह कार्रवाई एविएशन सेफ्टी प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन को लेकर की गई।
पिछले एक साल में खासकर लंबी दूरी की उड़ानों में एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स को खराब रखरखाव और सफाई की समस्याओं के चलते डायवर्ट या रद्द करना पड़ा है। अहमदाबाद हादसे के बाद यात्रियों की चिंता और बढ़ गई है, और कई ने अपने प्लान टाल दिए हैं। इस साल केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सोशल मीडिया पर बताया था कि भोपाल से दिल्ली की एयर इंडिया फ्लाइट में उन्हें टूटी हुई सीट पर यात्रा करनी पड़ी थी, और कई अन्य यात्री भी इसी समस्या से जूझ रहे थे।
लोक सर्किल्स द्वारा किए गए एक नए सर्वे में भारत के 307 जिलों के 15,000 से अधिक यात्रियों से राय ली गईं। इनमें से 79 प्रतिशत ने बीते 12 महीनों में एयर इंडिया की उड़ानों में गुणवत्ता और रखरखाव से जुड़ी समस्याओं का अनुभव किया। 2024 में यह आंकड़ा 55 प्रतिशत था। इस साल 79 प्रतिशत यात्रियों ने विमान की गुणवत्ता और रखरखाव पर चिंता जताई। 48 प्रतिशत ने बैगेज हैंडलिंग में दिक्कत बताई (2024 में 38 प्रतिशत)।
रिपोर्ट 46 प्रतिशत ने समय की पाबंदी न होने की शिकायत की (2024 में 69 प्रतिशत )। 36 प्रतिशत को इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट में दिक्कत हुई। 31 प्रतिशत को स्टाफ के व्यवहार और ग्राहक सेवा से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलीं। 31 प्रतिशत को खाने की गुणवत्ता से परेशानी हुई। 36 प्रतिशत ने दूसरी अन्य समस्याएं भी बताईं। सर्वे किए गए लोगों में से 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं थीं। 44 प्रतिशत उत्तरदाता टियर-1 शहरों से, 26 प्रतिशत टियर-2 शहरों से और 30 प्रतिशत छोटे कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों से थे।