हर माह पांच करोड़ रुपये की बचत
By: Gulab rohit
Nov 09, 202510:35 PM
इंदौर। इंदौर से 70 किलोमीटर दूर जलूद में नगर निगम ने 60 मेगावाट का सोलर पार्क तैयार कर दिया है। सूरज से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग नर्मदा जल को इंदौर लाने के लिए किया जाएगा। इससे हर माह पांच करोड़ रुपये की बिजली की बचत होगी। इंदौर तक नर्मदा जल लाने के लिए तीन करोड यूनिट बिजली लगती है। सौर उर्जा से 60 लाख यूनिट बिजली रोज पैदा होगी।
निमाड़ की 200 एकड़ जमीन पर नगर निगम ने सोलर पैनल लगवाए है। एनर्जी प्लांट की पाॅवर ट्रांसमिशन लाइनों का काम होना है। इसके अलावा 132 केवी सब स्टेशन भी इससे जोड़े जाएंगे। इसके लिए रविवार को शट डाउन लिया गया है। सात अलग-अलग सेक्टर में सोलर पैनल लगी हुई है। अब पैदा बिजली को ग्रिड तक पहुंचाया जाएगा और वितरण कंपनी से अनुमति ली जाएगी।
सरकार से नहीं ली मदद, दस साल में निकलेगी लागत
इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम ने राज्य सरकार से मदद नहीं ली है, बल्कि बांड जारी कर 300 करोड़ रुपये जुटाए है। इस प्रोजेक्ट की लागत दस साल में निकल जाएगी। अभी इंदौर नगर निगम को हर माह 18 से 20 करोड़ रुपये बिजली बिल भरना पड़ता है। नर्मदा प्रोजेक्ट एशिया के महंगे पेयजल प्रोजेक्टों में से एक है। जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक शर्मा बबलू ने बताया कि इस तरह के ग्रीन प्रोजेक्ट पर देश के किसी नगरीय निकाय ने काम नहीं किया है। अब अन्य शहर इसका अनुसरण कर रहे है। यह प्रोजेक्ट इंदौर नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाएगा।
चौथे चरण का पानी भी ला रहे है
हमारी परिषद ने पेयजल के मामले में दो बड़े काम किए है। जिसका फायदा अगले पचास साल तक शहरवासियों को मिलेगा। यह सोलर प्रोजेक्ट तय समयसीमा में पूरा हो चुका है और इससे हर माह निगम के बिजली बिल के खर्चों में कमी आएगी और उस राशि का उपयोग शहर के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। इसके अलावा नर्मदा के चौथे चरण का पानी भी इंदौर आएगा। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी भी मिल चुकी है। जल्दी ही काम शुरू होगा।
-पुष्य मित्र भार्गव, मेयर, इंदौर नगर निगम