ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने आतंकियों का खात्मा करने के लिए अब ऑपरेशन महादेव छेड़ दिया है। दरअसल, जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित दाछीगाम के जंगली इलाके में सोमवार को सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान गोलीबारी की आवाजें सुनी गई हैं।
By: Arvind Mishra
Jul 28, 20253 hours ago
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने आतंकियों का खात्मा करने के लिए अब ऑपरेशन महादेव छेड़ दिया है। श्रीनगर के लिडवास इलाके में सोमवार को सुरक्षा बलों ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल टीआरएफ के तीन आतंकियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। सुरक्षाबल इलाके में पहले से सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, जब इन आतंकियों का पता चला। मुठभेड़ में तीनों आतंकी मारे गए। हालांकि सेना ने इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। आर्मी प्रवक्ता ने बताया कि आतंकियों को पहचानने की कोशिश हो रही है। आज शाम तक मीडिया को पूरी डिटेल के साथ ब्रीफ किया जाएगा।लिडवास श्रीनगर का बाहरी और घना जंगलों वाला क्षेत्र है, जो त्राल से पहाड़ी रास्ते के ज़रिए जुड़ता है। इस इलाके में पहले भी टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों की खबरें आती रही हैं। इस ऑपरेशन को सेना की चिनार कॉर्प्स लीड कर रही है, जिसने तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक संयुक्त ऑपरेशन दाछीगाम फॉरेस्ट के ऊपरी हिस्सों में अभी भी जारी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त अभियान जारी है। दाछीगाम में सोमवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान अचानक गोलीबारी हुई थी, जिससे इलाके में तनाव फैल गया था। इसके बाद सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और ऑपरेशन को तेज कर दिया था। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जंगलों में अभी भी टीआरएफ के और आतंकी छिपे हो सकते हैं।
दाछीगाम जंगल को पहले से ही टीआरएफ का मुख्य गढ माना जाता है। इसी ग्रुप ने हाल ही में एलओसी के पास लैंड माइन ब्लास्ट की जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें एक जवान शहीद हुआ था और तीन घायल हुए थे। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऑपरेशन के चलते घरों में ही रहें और क्षेत्र से दूर रहें। इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती है और ऑपरेशन अभी भी जारी है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बायसरण वैली में हुआ आतंकी हमला देश को झकझोर देने वाला था। इस हमले को पांच आतंकियों ने अंजाम दिया, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रॉक्सी संगठन टीआरएफ के सदस्य बताए गए। आतंकियों ने वहां मौजूद टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें ज्यादातर हिंदू समुदाय के टूरिस्ट थे, जिन्हें नाम पूछकर आतंकियों ने गोली मारी थी।
मोदी सरकार ने इस हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इसके तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की गई। ये ठिकाने बहावलपुर और मुरिदके जैसे इलाकों में स्थित थे, जो लश्कर जैसे आतंकी संगठनों का गढ़ माने जाते हैं। इन हमलों में कई हाई-वैल्यू टारगेट्स को मार गिराया गया और आतंक फैलाने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को तबाह किया गया था।