प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से घोषणा की थी कि इस बार दिवाली पर लोगों को डबल गिफ्ट मिलेगा। इसमें जीएसटी दरों में कमी शामिल है। माना जा रहा है कि खाने पीने की अधिकांश चीजें सस्ती हो सकती हैं। इसी सिलसिले में बैठकों का दौर मंगलवार से शुरू हो गया है।
By: Arvind Mishra
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से घोषणा की थी कि इस बार दिवाली पर लोगों को डबल गिफ्ट मिलेगा। इसमें जीएसटी दरों में कमी शामिल है। माना जा रहा है कि खाने पीने की अधिकांश चीजें सस्ती हो सकती हैं। इसी सिलसिले में बैठकों का दौर मंगलवार से शुरू हो गया है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जीएसटी काउंसिल 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 प्रतिशत टैक्स वाली सेवाओं क्या फैसला लेती हैं। इससे पहले राज्यों के अधिकारियों की एक समिति मंगलवार को सभी मुद्दों पर विस्तार से मंथन किया। दरअसल, शैंपू और हाइब्रिड कारों से लेकर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तक लगभग 175 उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी कर में 10 फीसदी की कटौती हो सकती है। 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद में इस पर फैसला किए जाने की उम्मीद है। वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी प्रणाली में लगभग एक दशक का सबसे बड़ा सुधार हो रहा है। यह सुधार अमेरिका के साथ तनावपूर्ण व्यापारिक संबंधों के बीच हो रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश वासियों से भारतीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ाने की बार-बार आह्वान कर रही है।
टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट और शैंपू जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाएगा। इससे इन क्षेत्रों की कंपनियों के कारोबार में जबरदस्त तेजी आएगी। एयर कंडीशनर और टेलीविजन सेट पर अक्टूबर में शुरू होने वाले दिवाली शॉपिंग सीजन से पहले टैक्स 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो सकता है।
प्रस्तावित कर कटौती का उद्देश्य घरेलू खपत को बढ़ावा देना है। इससे कृषि आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, भारतीय निर्माताओं में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करके अमेरिका को निर्यात में गिरावट को कम करना है।
उर्वरक, कृषि मशीनरी और ट्रैक्टर व उनके पुर्जों जैसी प्रमुख निर्यात वस्तुओं पर कर को वर्तमान 12 फीसदी या 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की योजना है। यह कटौती कपड़ा क्षेत्र पर भी लागू होगी जो सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। इस पर अमेरिकी टैरिफ हमले का भारी असर पड़ा है।
प्रस्तावित कर कटौती से छोटी कारों की बिक्री में फिर से उछाल आने की उम्मीद है। हालांकि, बड़ी कारों, जिनकी लंबाई 4 मीटर से अधिक है और जिनमें बड़ी इंजन क्षमता है, पर 28 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी का उच्च जीएसटी लगेगा। कोयला जैसी वस्तुओं के साथ सट्टेबाजी, कैसीनो और घुड़दौड़ जैसी सेवाओं पर भी कर बढ़ाने की योजना है।