अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर पीएम नरेंद्र मोदी केसरिया धर्म ध्वज फहराएंगे। राम मंदिर ट्रस्ट इस ऐतिहासिक क्षण की तैयारी में जुटा है। ध्वज स्तंभ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। यह ध्वजारोहण राम मंदिर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
By: Arvind Mishra
Oct 13, 2025just now
अयोध्या। स्टार समाचार वेब
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर पीएम नरेंद्र मोदी केसरिया धर्म ध्वज फहराएंगे। राम मंदिर ट्रस्ट इस ऐतिहासिक क्षण की तैयारी में जुटा है। ध्वज स्तंभ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। यह ध्वजारोहण राम मंदिर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल, राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर फहराए जाने वाले ध्वज का आकार-प्रकार तय किया जा चुका है। यह ध्वज त्रेतायुग का अहसास कराएगा, क्योंकि ध्वज सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष के प्रतीकों से सुसज्जित होगा। ये प्रतीक राम राज्य के ध्वज पर बने थे, ऐसा वाल्मीकि रामायण में वर्णित है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि 25 नवंबर को राम मंदिर में भव्य ध्वजारोहण समारोह होगा। मुख्य अतिथि के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी व संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत मौजूद रहेंगे। ध्वजारोहण राम मंदिर के अलावा, परकोटे के सभी छह मंदिरों (भगवान शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती व माता अन्नपूर्णा ) के शिखर पर भी होगा। इसके अलावा शेषावतार मंदिर के शिखर पर भी धर्म ध्वजा फहराई जाएगी। यह ध्वजारोहण समारोह मंदिर निर्माण की पूर्णता का ऐलान भी होगा।
ध्वजारोहण समारोह अयोध्या केंद्रित होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के ही लोग इसमें शामिल होंगे, इससे बाहर के लोगों को नहीं बुलाया गया है। ध्वजारोहण समारोह का पूजन पांच दिवसीय होगा। इस दौरान राम मंदिर समेत सभी आठ मंदिरों में विशेष पूजन व हवन होता रहेगा, अन्य अनुष्ठान होंगे।
राम मंदिर प्रबंधन के अनुसार, राम ध्वज की आकृति तय हो गई है। ध्वज 22 फीट लंबा होगा, जबकि चौड़ाई 11 फीट होगी। केसरिया यानी भगवान रंग के ध्वज पर कोविदार वृक्ष, सूर्य का चिह्न और ॐ अंकित रहेगा। यह रामायणकालीन ध्वज की तरह ही होगा।
अयोध्या में राम मंदिर के साथ रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। प्लिंथ बीम की ढलाई पूरी हो चुकी है। जल्द ही छत की ढलाई शुरू होगी। गर्भगृह को विशेष शीशे से ढका जाएगा, जिससे श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इसी छत पर 14 कालम (स्तंभ) निर्मित किए जाएंगे। इसे लकड़ी व अनब्रेकेबल ग्लास (नहीं टूटने वाला) से ढका जाएगा। इसी शीशे के माध्यम से रामजन्मभूमि परिसर में आने वाले श्रद्धालु अपने आराध्य से संबंधित स्थल का दर्शन कर सकेंगे।