भारत द्वारा रूस से खरीदे जा रहे कच्चे तेल पर जल्द ही और ज्यादा रियायत मिल सकती है। साथ ही भारत और रूस से और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी मिल सकते हैं। ये दावा किया गया है। अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ दबाव बनाने के बीच ये रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत के लिए तोहफा माना जा रहा है। भारत पहले ही रूस से डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है।
By: Arvind Mishra
Sep 03, 202510:24 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
भारत द्वारा रूस से खरीदे जा रहे कच्चे तेल पर जल्द ही और ज्यादा रियायत मिल सकती है। साथ ही भारत और रूस से और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी मिल सकते हैं। ये दावा किया गया है। अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ दबाव बनाने के बीच ये रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत के लिए तोहफा माना जा रहा है। भारत पहले ही रूस से डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है और अब और ज्यादा डिस्काउंट मिलने से भारत का काफी पैसा बचेगा। दरअसल, भारत और रूस के रिश्ते लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। दोनों देशों के संबंधों में मजबूती का एक और प्रमाण है हथियारों की डील। ऐसे में रूस और भारत एस-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं। रूस के डिफेंस एक्सपोर्ट अधिकारी के मुताबिक, भारत और रूस के बीच सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल सिस्टम की अतिरिक्त सप्लाई के लिए बातचीत जारी है। रूस के मिलिट्री विभाग के एक बड़े अधिकारी दिमित्री शुगायेव का कहना है कि भारत के पास पहले से ही एस-400 मिसाइल सिस्टम है और इसकी नई खेप के लिए बातचीत जारी है।
दरअसल भारत ने पांच एस-400 डिफेंस सिस्टम के लिए 2018 में रूस के साथ 5.5 अरब डॉलर के एग्रीमेंट पर साइन किया था। चीन की लगातार बढ़ती जा रही सैन्य शक्ति का मुकाबला करने के लिए भारत ने रूस के साथ यह एग्रीमेंट किया था। हालांकि, हथियारों की इस सप्लाई में देरी हुई। इस डील के तहत आखिरी दो यूनिट 2026 और 2027 तक मिलेगी।
आॅपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हर हमले को भारत के एस-400 डिफेंस सिस्टम ने बखूबी ध्वस्त किया था। एयर डिफेंस में मजबूत साझेदारी एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम रूस की सबसे उन्नत तकनीक है। इसकी रेंज 400 किलोमीटर है जो 36 लक्ष्यों को एक साथ नष्ट कर सकती है। साथ ही विमान, मिसाइल और ड्रोन से बचाव करती है। भारत ने 2021 से पंजाब, राजस्थान और पूर्वोत्तर में एस-400 को तैनात किया है।
यूराल क्रूड की कीमत अब ब्रेंट क्रूड की तुलना में 3-4 डॉलर प्रति बैरल कम हो सकती है। सितंबर के अंत में और अक्टूबर माह में इस छूट का लाभ मिल सकता है। बीते हफ्ते यह छूट 2.50 डॉलर प्रति बैरल थी और जुलाई माह में यह 1 डॉलर प्रति बैरल थी। बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिनमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए लगाया गया था। टैरिफ से भारत पर आर्थिक दबाव पड़ा है, लेकिन अब अगर रूस से कच्चे तेल पर और ज्यादा रियायत मिलती है तो यकीनन इससे भारत पर पड़ रहा आर्थिक दबाव कुछ हद तक कम होगा।
इधर, अमेरिका के सांसद और भारतीय मूल के नेता आरओ खन्ना ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपपर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अपनी नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत में भारत-अमेरिका के रिश्तों को बर्बाद कर रहे हैं। खन्ना ने कहा कि ट्रंप भारत पर 50 प्रतिशत की भारी-भरकम टैरिफ थोपकर 30 साल की मेहनत को चौपट कर रहे हैं। यह टैरिफ न सिर्फ भारत के चमड़ा और कपड़ा निर्यात को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि अमेरिकी कारोबार और भारत में निर्यात को भी चोट पहुंचा रहा है। खन्ना ने चेतावनी दी कि ट्रंप की इन हरकतों से भारत को चीन और रूस के करीब जाने का मौका मिल रहा है। ये कदम अमेरिका के लिए बड़ा रणनीतिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह कदम सिर्फ इसलिए है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने से इंकार कर दिया, जबकि पाकिस्तान ने ऐसा किया।