गंजबासौदा। 5 करोड़ की लागत से दो साल पहले तैयार हुए संजय गांधी महाविद्यालये के नए भवन की हालत बदहाल हो चुकी है। भवन की कई कई खिड़कियों के कांच टूट चुके हैं और एक पिलर भी क्षतिग्रस्त है। सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में परिसर दिन में खेलकूद करने वालों और रात में असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। महाविद्यालय की 28 बीघा जमीन की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल तक नहीं है। पहले जो बाउंड्रीवॉल बनाई गई थी, उसे आसपास के बस्तीवासियों ने तोड़ दिया था। मुख्य गेट पर दरवाजा लगाने के लिए पूर्व विधायक लीना जैन ने दो साल पहले नगर पालिका को ₹1 लाख दिए थे, लेकिन आज तक गेट नहीं लगा।
डीडीए से हुआ निर्माण
पुराने भवन के जर्जर होने और छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन ने 5 करोड़ की लागत से नए भवन की स्वीकृति दी थी। डीडीए भोपाल ने 'डी ब्लॉक' के नाम से दो मंजिला भवन का निर्माण कराया, जिसमें 16 कमरे हैं। लेकिन सुरक्षा के अभाव में असामाजिक तत्वों ने इसकी खिड़कियों के कांच तोड़ दिए और एक पिलर को भी नुकसान पहुंचा दिया।
अतिक्रमण का डर
खुले प्रांगण से होकर चारों ओर से लोग अंदर आ-जा सकते हैं। रात में यहां दो और चार पहिया वाहनों का आना-जाना भी जारी रहता है। आसपास के लोग धीरे-धरि महाविद्यालय की जमीन पर अतिक्रमण करते जा रहे हैं। बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए आठ महीने पहले जनभागीदारी समिति ने उच्च शिक्षा आयुक्त को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिली।
स्वीकृति अब तक नहीं मिली
जनभागीदारी समिति ने बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए 38 लाख रुपए का प्रस्ताव उच्च शिक्षा आयुक्त को भेजा है, लेकिन स्वीकृति अभी तक नहीं मिली। समिति और नगर पालिका दोनों को पत्र लिखे जा चुके हैं, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बाउंड्री वॉल का भेजा है प्रस्ताव
मुख्य गेट निर्माण के लिए पूर्व विधायक द्वारा दी गई राशि नगर पालिका में पड़ी है। 38 लाख रुपए की लागत से बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए उच्च शिक्षा आयुक्त को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। नया भवन गारंटी अवधि में है और डीडीए को मरम्मत के लिए पत्र लिखा है, पर कार्रवाई नहीं हुई। कांच की जगह फाइबर की खिड़कियां लगाई जा रही हैं।
रितुज ऐलिया, अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति, संजय गांधी महाविद्यालय, गंजबासौदा।