एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की सूचकांक बढ़त पर रहे जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरकर बंद हुए। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। सोमवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे।
By: Prafull tiwari
Jun 17, 20255:19 PM
मुंबई। ईरान-इजरायल संघर्ष का असर भारती बाजार में दिखाई दिया। शेयर बाजार मंगलवार सुबह तेजी दिखाने के बाद शाम होते फिसल गया। सेंसेक्स ने जहां 213 अंक का गोता लगाया तो वहीं 93 अंक फिसल गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 212.85 अंक यानी 0.26 प्रतिशत गिरकर 81,583.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 369.14 अंक गिरकर 81,427.01 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 93.10 अंक यानी 0.37 प्रतिशत गिरकर 24,853.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से सन फार्मा, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक और बजाज फिनसर्व में प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स और मारुति सुजुकी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की सूचकांक बढ़त पर रहे जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरकर बंद हुए। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। सोमवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। ईरान-इजराइल संघर्ष तेज होने के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.69 प्रतिशत बढक़र 74.47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 2,539.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,780.96 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 677.55 अंक उछलकर 81,796.15 और एनएसई निफ्टी 227.90 अंक चढक़र 24,946.50 अंक पर बंद हुआ था।
विश्लेशकों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और इस सप्ताह के अंत में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर आने वाले फैसले को लेकर भी निवेशकों ने इंतजार की रणनीति अपनानी बेहतर समझी।