मध्य प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, लगातार हो रही तेज बारिश के कारण राज्य के प्रमुख बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसके चलते पानी की निकासी के लिए उनके गेट खोलने पड़े हैं।
By: Ajay Tiwari
हाइलाइट्स
भोपाल: स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, लगातार हो रही तेज बारिश के कारण राज्य के प्रमुख बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसके चलते पानी की निकासी के लिए उनके गेट खोलने पड़े हैं। वहीं, कई छोटी-बड़ी नदियां भी उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है।
राज्य के महत्वपूर्ण बाणसागर बांध (जो सोन नदी पर स्थित है) के 8 गेट खोल दिए गए हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद बांध में पानी की आवक तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण जलस्तर को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। बांध से छोड़े गए पानी के कारण सोन नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है।
इसी प्रकार, सतपुड़ा डैम (जो तावा नदी पर स्थित है) के भी 5 गेट खोले गए हैं। इस बांध से पानी छोड़े जाने के बाद तावा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
राज्य के पश्चिमी हिस्से आलीराजपुर जिले में मात्र 5 घंटे की भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इस अल्प समय की मूसलाधार वर्षा के बाद जिले से गुजरने वाली उर नदी प्रचंड वेग से उफन पड़ी। नदी का पानी पुलों और रपटों के ऊपर से बहने लगा, जिससे कई ग्रामीण मार्गों पर आवागमन बाधित हो गया। निचले इलाकों में पानी घुसने की खबरें भी सामने आई हैं।
वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में पवित्र नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण तट पर स्थित एक प्राचीन मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो गया।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान जताया है। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं। नदी किनारे बसे गांवों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है। बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण डाउनस्ट्रीम इलाकों पर लगातार नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।