ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स - फोर्डो, नतांज और इस्फहान - पर सफलतापूर्वक हवाई हमला किया है।
By: Arvind Mishra
Jun 22, 202510:02 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार बेव
ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स - फोर्डो, नतांज और इस्फहान - पर सफलतापूर्वक हवाई हमला किया है। ट्रंप के मुताबिक, लड़ाकू विमानों ने फोर्डो को प्रमुख रूप से निशाना बनाते हुए बमबारी की और अब सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। उन्होंने इसे अमेरिका की सैन्य ताकत की मिसाल बताया और कहा कि अब शांति का समय है। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजरायल के सामने चिंता का विषय बना हुआ है। दरअसल, ईरान पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने ईरान और इजरायल के युद्ध पर खुलकर बात की है। ट्रंप के अनुसार, ईरान पिछले 40 साल से अमेरिका के खिलाफ है और कई अमेरिकी इस नफरत की भेंट चढ़ चुके हैं। अब यह और नहीं होगा। ईरान की वजह से हजारों अमेरिकियों और इजरायली नागरिकों की जान गई है। मगर बस, अब यह और नहीं होगा। ईरान पर अमेरिका के हमले का उद्देश्य परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करना था। इसीलिए अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइट्स को निशाना बनाया है।
ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर ईरान में शांति स्थापित नहीं हुई तो फिर विनाश होगा। ईरान आगे और भी हमलों के लिए तैयार रहे। भविष्य के हमले इससे कहीं ज्यादा भयानक होंगे। ट्रंप ने कहा-ईरान को जल्द से जल्द शांति स्थापित करनी होगी या फिर उन्हें फिर से हमले के लिए तैयार रहना होगा।
ट्रंप ने कहा कि बीती रात अमेरिका ने ईरान के जिन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था, वो बेहद कठिन थे। मगर अमेरिकी सेना ने यह कर दिखाया। अब तेहरान का सबसे महत्वपूर्ण परमाणु प्रोग्राम साइट फोर्डो तबाह हो चुकी है।
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी अमेरिका के इस कदम को साहसिक करार दिया है। उन्होंने कहा मैं और ट्रंप यही मानते हैं कि शक्ति से ही शांति स्थापित होती है। पहले शक्ति दिखाई जाती है और फिर शांति होती है। अमेरिका ने ईरान पर पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की है।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हमलों की पुष्टि की है। एईओआई का कहना है कि अमेरिका की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसमें अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी ने भी अमेरिका का साथ दिया है। वैश्विक समुदाय को इस हमले की कड़ी निंदा करनी चाहिए। ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखेगा, यह किसी भी कीमत पर नहीं रुकेगा।
इधर, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अमेरिकी हमले की घोषणा के बाद बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन ईरानी राष्ट्र को आश्वस्त करता है कि अपने दुश्मनों की दुष्ट साजिशों के बावजूद अपने हजारों वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के प्रयासों से वह इस राष्ट्रीय उद्योग के विकास को नहीं रुकने देगा। तेहरान की एजेंसी ने यह भी कहा कि उसके परमाणु स्थलों पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं। अमेरिकी सेना ने पहले ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे।