पाकिस्तान के पूर्व संघीय मंत्री की उनके आवास पर मौत

By: Sandeep malviya

Jun 06, 202515 hours ago

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पाकिस्तान के पूर्व संघीय मंत्री की उनके आवास पर मौत

पेशावर। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को पूर्व पाकिस्तानी मंत्री की मौत हो गई। मौत मंत्री के आवास पर एक शक्तिशाली गैस रिसाव विस्फोट की वजह से हुई। धमाके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि  कोहाट जिले में उनके आवास पर गैस रिसाव विस्फोट में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के पूर्व सीनेटर अब्बास खान अफरीदी सहित तीन लोग घायल हो गए। चिकित्सा कर्मचारियों के प्रयासों के बावजूद विस्फोट में लगी चोटों की वजह से अफरीदी की खारियान अस्पताल में मौत हो गई। अफरीदी एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति थे। उन्होंने संघीय मंत्री और सीनेटर के रूप में कार्य किया था। उन्होंने 2024 में पीएमएल-एन के साथ-साथ राजनीति भी छोड़ दी थी। पुलिस ने कहा कि उन्होंने घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में सरकारी स्कूल में धमाका

इस बीच अज्ञात बदमाशों ने शुक्रवार तड़के उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सरकारी हाई स्कूल पर बम फेंका। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बदमाशों ने टैंक जिले के गुल इमाम पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में अकबरी गांव में विस्फोटकों का उपयोग करके सरकारी हाई स्कूल को उड़ा दिया। विस्फोट के कारण स्कूल के कई कमरे ढह गए। अभी तक किसी भी समूह ने स्कूल पर बम विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। टैंक जिले में सक्रिय प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान   के लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ हैं। ये आमतौर पर स्कूलों को निशाना बनाते हैं। स्थानीय गैर सरकारी संगठनों की ओर से एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक दशक में इस तरह के हमलों में प्रांत के 450 से अधिक स्कूल बर्बाद हो गए हैं। इससे छात्र-छात्राओं को या तो स्कूल जाना बंद करना पड़ा या फिर बर्बाद इमारतों या मलबे के बगल में कक्षाओं में पढ़ाई करनी पड़ी। पाकिस्तान ने 2019 तक लड़कियों के स्कूलों पर कई हमले देखे, खासकर स्वात घाटी और उत्तर-पश्चिम में। यहां पाकिस्तानी तालिबान ने लंबे समय तक पूर्व आदिवासी क्षेत्रों पर काबू कर रखा था। 2012 में विद्रोहियों ने मलाला यूसुफजई पर हमला किया था, जो लड़कियों की शिक्षा की पैरोकार थीं। उन्होंने बाद में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था।

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