×

सेरेब्रल पाल्सी: गर्भावस्था से शुरू होने वाली दर्दनाक बीमारी, बच्चों को बना देती है आजीवन अपंग - हर साल 100 से ज्यादा मामले जिले में

सेरेब्रल पाल्सी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है, जो गर्भावस्था के दौरान या जन्म के बाद भी हो सकती है। इस बीमारी में बच्चे का मस्तिष्क कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर की कई नसें काम करना बंद कर देती हैं। सतना जिले के पीकू वार्ड में हर साल 100 से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती किए जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन फिजियोथेरेपी बच्चों के जीवन में सुधार लाने का सबसे बड़ा सहारा है।

By: Yogesh Patel

Oct 06, 2025just now

view6

view0

सेरेब्रल पाल्सी: गर्भावस्था से शुरू होने वाली दर्दनाक बीमारी, बच्चों को बना देती है आजीवन अपंग - हर साल 100 से ज्यादा मामले जिले में

हाइलाइट्स:

  • सेरेब्रल पाल्सी गर्भावस्था या जन्म के बाद बच्चे के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने से होती है।
  • सतना जिला अस्पताल में हर साल 100 से अधिक बच्चों का पीकू वार्ड में इलाज किया जाता है।
  • फिजियोथेरेपी से इस बीमारी से पीड़ित बच्चों में जीवन की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है।

सतना, स्टार समाचार वेब

सेरेब्रल पाल्सी बीमारी तंत्रिका तंत्र संबंधी एक दर्दनाक बीमारी है, जिसमें दिमाग से ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है यानी एक तरह से शरीर की कई नसें काम करना बंद कर देती हैं, जिससे मरीज का हिलना-डुलना भी मुश्किल हो जाता है। सेरेब्रल का अर्थ दिमाग से जुड़ा है। पाल्सी का अर्थ है मांसपेशियों का इस्तेमाल करने में परेशानी या कमजोरी। अधिकतर मरीजों को पूरा जीवन व्हील चेयर पर ही बिताना पड़ता है। सेरेब्रल पाल्सी विकसित हो रहे दिमाग के डैमेज होने से हो सकता है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान भी हो सकता है और शिशु के जन्म लेने के बाद भी। आमतौर पर 1 से 2 साल के बीच इसके लक्षण दिखाई देने शुरू होते हैं, इसलिए अधिकांश बच्चों को बाद में अपंगता की स्थिति में जीना होता है।  जिला अस्पताल प्रबंधन के अनुसार हर साल 100 से अधिक सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों को गंभीर मानते हुए पीकू वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाता है।  बताया गया कि सितम्बर माह में सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित 9 बच्चों को गंभीर अवस्था में पीकू वार्ड में भर्ती किया गया, जिनका इलाज कर फिजिओथेरेपी की सलाह भी दी गई।  इसके अलावा इन बच्चों की दिव्यांगता को देखकर इनका विकलांगता प्रमाण पत्र भी बनाया जाता है।  

सेरेब्रल पाल्सी के कारण

सेरेब्रल पाल्सी के कई कारण है जो प्रेग्नेंसी के दौरान भी हो सकता है और प्रेग्नेंसी के बाद भी। यह प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट के समय जेनेटिक परिवर्तन के कारण भी हो सकता है और प्रेग्नेंसी के दौरान मां को हुए गंभीर संक्रमण से भी हो सकता है। अगर बच्चे के दिमाग में गर्भ के दौरान ब्रेन में खून की सप्लाई बंद होती है तो भी यह बीमारी हो सकती है। गर्भ में ब्रेन से खून निकलने के कारण भी यह हो सकता है। नवजात बच्चों में घातक संक्रमण के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। अगर गर्भ में बच्चे के दिमाग में चोट लग जाए तो भी सेरेब्रल पाल्सी हो सकती है। इसलिए इस बीमारी के कई कारण है. ऐसे में समय पर अपने बच्चों के प्रति सतर्कता ही इससे बचाव है।

विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान 

चिकित्सक ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से पीड़ित बच्चे दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं। ऐसे बच्चों का जिला अस्पताल में प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को आयोजित विकलांग बोर्ड द्वारा बच्चे की अपंगता के अनुसार विकलांगता प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है जिससे उन विशेष बच्चों को लाभ मिल सके।

पीड़ित बच्चों को विशेष चिकित्सा देने का प्रावधान है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को गंभीर मानते हुए उन्हें पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज किया जाता है।  इसके बाद उन्हें शारीरिक कसरत के लिए जिला अस्पताल के फिजियोथेरेपिस्ट के पास भेजा जाता है। 

डॉ. संजीव प्रजापति ,चाइल्ड स्पेशलिस्ट व  इंचार्ज पीकू वार्ड

इस  बीमारी का कोई स्थाई इलाज नहीं है, लेकिन  फिजियोथेरेपी सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए वरदान से कम नहीं है। फिजियो की मदद से मांसपेंशियों को मजबूत करना, अंगों की अकड़न को कम करना, संतुलन और समन्वय बनाना, शारीरिक व्यायाम करना, चलने की क्षमत को बढ़ाना, बच्चों को इंडिपेंडेंट बनाने वाली प्रतिक्रिया करना, स्ट्रेचिंग, बैलेंस ट्रेनिंग आदि कराया जाता है ताकि बच्चा खुद पर निंत्रण रख सके। 

डॉ. सुरभि श्रीवास्तव, पीडियाट्रिक थेरेपिस्ट

COMMENTS (0)

RELATED POST

रीवा में राजस्व कोर्ट व्यवस्था चरमराई: शासन के आदेश से 9 अधिकारी अब भी लूप लाइन में, केवल 3 को मिली राहत

5

0

रीवा में राजस्व कोर्ट व्यवस्था चरमराई: शासन के आदेश से 9 अधिकारी अब भी लूप लाइन में, केवल 3 को मिली राहत

शासन के हालिया आदेश ने रीवा जिले की राजस्व न्यायालय व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई अधिकारियों के पास एक साथ कई राजस्व कोर्ट हैं, जिससे सुनवाई प्रभावित हो रही है। नौ नायब तहसीलदार अब भी लूप लाइन में भटक रहे हैं, जबकि तीन अधिकारियों को ही न्यायालयीन जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदेश के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध और हड़ताल हुई थी, जिसके बाद कलेक्टर को स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर कार्य वितरण का अधिकार मिला।

Loading...

Oct 06, 2025just now

रीवा में साइबर ठगी का भयावह दौर: जनवरी—सितंबर में साढ़े तीन सौ से अधिक पीड़ित, जालसाजों ने ऐंठे डेढ़ करोड़ रुपए

6

0

रीवा में साइबर ठगी का भयावह दौर: जनवरी—सितंबर में साढ़े तीन सौ से अधिक पीड़ित, जालसाजों ने ऐंठे डेढ़ करोड़ रुपए

रीवा में जनवरी से सितंबर तक साइबर धोखाधड़ी के 9 महीने में साढ़े तीन सौ (≈350) से अधिक लोग ठगी के शिकार हुए। वर्क-फ्रॉम-होम, फेक क्रेडिट मैसेज, कस्टमर-केयर नंबर क्लोनिंग, रिश्तेदार बनकर धोखा, ऐप डाउनलोड कराकर ठगी सहित अलग-अलग चालों से कुल करीब ₹1.5 करोड़ ऐंठे गए।

Loading...

Oct 06, 2025just now

एडीएम पदोन्नति के बाद भी एसडीएम की कुर्सी नहीं छोड़ी: स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बाद भी रीवा–सतना–सिंगरौली में रुकावटें बरकरार

5

0

एडीएम पदोन्नति के बाद भी एसडीएम की कुर्सी नहीं छोड़ी: स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बाद भी रीवा–सतना–सिंगरौली में रुकावटें बरकरार

राज्य शासन द्वारा अगस्त में जारी स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन कई अधिकारी अब तक नई पदस्थापना पर नहीं पहुंच पाए हैं। त्योंथर एसडीएम पी.एस. त्रिपाठी को एडीएम सिंगरौली बनाया गया, पर डिप्टी कलेक्टर की अनुपस्थिति के कारण वे मुक्त नहीं हो पा रहे। इसी तरह अनुराग तिवारी का सतना तबादला भी अटका हुआ है। जबकि कुछ अधिकारियों ने रीवा में आमद दर्ज करा ली है, बाकी अब तक पुराने पदों पर ही जमे हुए हैं।

Loading...

Oct 06, 2025just now

अटल भूजल योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा: चित्रकूट में 23.45 लाख से बने तालाब को प्रधानपति ने उखाड़ा, सरकारी धन की बंदरबांट से ग्रामीणों में आक्रोश

4

0

अटल भूजल योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा: चित्रकूट में 23.45 लाख से बने तालाब को प्रधानपति ने उखाड़ा, सरकारी धन की बंदरबांट से ग्रामीणों में आक्रोश

चित्रकूट जिले के शिवरामपुर ग्राम पंचायत में अटल भूजल योजना के तहत 23 लाख 45 हजार रुपए की लागत से बने पटटा तालाब को ग्राम प्रधानपति ने ट्रैक्टर लगाकर तोड़ डाला। तालाब की इंटरलॉकिंग, रेलिंग और पत्थर उखाड़कर गायब कर दिए गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह सब सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किया गया है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।

Loading...

Oct 06, 2025just now

सेरेब्रल पाल्सी: गर्भावस्था से शुरू होने वाली दर्दनाक बीमारी, बच्चों को बना देती है आजीवन अपंग - हर साल 100 से ज्यादा मामले जिले में

6

0

सेरेब्रल पाल्सी: गर्भावस्था से शुरू होने वाली दर्दनाक बीमारी, बच्चों को बना देती है आजीवन अपंग - हर साल 100 से ज्यादा मामले जिले में

सेरेब्रल पाल्सी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है, जो गर्भावस्था के दौरान या जन्म के बाद भी हो सकती है। इस बीमारी में बच्चे का मस्तिष्क कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर की कई नसें काम करना बंद कर देती हैं। सतना जिले के पीकू वार्ड में हर साल 100 से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती किए जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन फिजियोथेरेपी बच्चों के जीवन में सुधार लाने का सबसे बड़ा सहारा है।

Loading...

Oct 06, 2025just now

RELATED POST

रीवा में राजस्व कोर्ट व्यवस्था चरमराई: शासन के आदेश से 9 अधिकारी अब भी लूप लाइन में, केवल 3 को मिली राहत

5

0

रीवा में राजस्व कोर्ट व्यवस्था चरमराई: शासन के आदेश से 9 अधिकारी अब भी लूप लाइन में, केवल 3 को मिली राहत

शासन के हालिया आदेश ने रीवा जिले की राजस्व न्यायालय व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई अधिकारियों के पास एक साथ कई राजस्व कोर्ट हैं, जिससे सुनवाई प्रभावित हो रही है। नौ नायब तहसीलदार अब भी लूप लाइन में भटक रहे हैं, जबकि तीन अधिकारियों को ही न्यायालयीन जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदेश के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध और हड़ताल हुई थी, जिसके बाद कलेक्टर को स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर कार्य वितरण का अधिकार मिला।

Loading...

Oct 06, 2025just now

रीवा में साइबर ठगी का भयावह दौर: जनवरी—सितंबर में साढ़े तीन सौ से अधिक पीड़ित, जालसाजों ने ऐंठे डेढ़ करोड़ रुपए

6

0

रीवा में साइबर ठगी का भयावह दौर: जनवरी—सितंबर में साढ़े तीन सौ से अधिक पीड़ित, जालसाजों ने ऐंठे डेढ़ करोड़ रुपए

रीवा में जनवरी से सितंबर तक साइबर धोखाधड़ी के 9 महीने में साढ़े तीन सौ (≈350) से अधिक लोग ठगी के शिकार हुए। वर्क-फ्रॉम-होम, फेक क्रेडिट मैसेज, कस्टमर-केयर नंबर क्लोनिंग, रिश्तेदार बनकर धोखा, ऐप डाउनलोड कराकर ठगी सहित अलग-अलग चालों से कुल करीब ₹1.5 करोड़ ऐंठे गए।

Loading...

Oct 06, 2025just now

एडीएम पदोन्नति के बाद भी एसडीएम की कुर्सी नहीं छोड़ी: स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बाद भी रीवा–सतना–सिंगरौली में रुकावटें बरकरार

5

0

एडीएम पदोन्नति के बाद भी एसडीएम की कुर्सी नहीं छोड़ी: स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बाद भी रीवा–सतना–सिंगरौली में रुकावटें बरकरार

राज्य शासन द्वारा अगस्त में जारी स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन कई अधिकारी अब तक नई पदस्थापना पर नहीं पहुंच पाए हैं। त्योंथर एसडीएम पी.एस. त्रिपाठी को एडीएम सिंगरौली बनाया गया, पर डिप्टी कलेक्टर की अनुपस्थिति के कारण वे मुक्त नहीं हो पा रहे। इसी तरह अनुराग तिवारी का सतना तबादला भी अटका हुआ है। जबकि कुछ अधिकारियों ने रीवा में आमद दर्ज करा ली है, बाकी अब तक पुराने पदों पर ही जमे हुए हैं।

Loading...

Oct 06, 2025just now

अटल भूजल योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा: चित्रकूट में 23.45 लाख से बने तालाब को प्रधानपति ने उखाड़ा, सरकारी धन की बंदरबांट से ग्रामीणों में आक्रोश

4

0

अटल भूजल योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा: चित्रकूट में 23.45 लाख से बने तालाब को प्रधानपति ने उखाड़ा, सरकारी धन की बंदरबांट से ग्रामीणों में आक्रोश

चित्रकूट जिले के शिवरामपुर ग्राम पंचायत में अटल भूजल योजना के तहत 23 लाख 45 हजार रुपए की लागत से बने पटटा तालाब को ग्राम प्रधानपति ने ट्रैक्टर लगाकर तोड़ डाला। तालाब की इंटरलॉकिंग, रेलिंग और पत्थर उखाड़कर गायब कर दिए गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह सब सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किया गया है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।

Loading...

Oct 06, 2025just now

सेरेब्रल पाल्सी: गर्भावस्था से शुरू होने वाली दर्दनाक बीमारी, बच्चों को बना देती है आजीवन अपंग - हर साल 100 से ज्यादा मामले जिले में

6

0

सेरेब्रल पाल्सी: गर्भावस्था से शुरू होने वाली दर्दनाक बीमारी, बच्चों को बना देती है आजीवन अपंग - हर साल 100 से ज्यादा मामले जिले में

सेरेब्रल पाल्सी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है, जो गर्भावस्था के दौरान या जन्म के बाद भी हो सकती है। इस बीमारी में बच्चे का मस्तिष्क कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर की कई नसें काम करना बंद कर देती हैं। सतना जिले के पीकू वार्ड में हर साल 100 से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती किए जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन फिजियोथेरेपी बच्चों के जीवन में सुधार लाने का सबसे बड़ा सहारा है।

Loading...

Oct 06, 2025just now