मध्य प्रदेश में दूषित 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर की गई। वकील विशाल तिवारी ने CBI जांच, सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में न्यायिक आयोग के गठन और ड्रग रेगुलेशन में सुधार की मांग की। जानें अब तक की कार्रवाई।
By: Ajay Tiwari
Oct 07, 2025just now
भोपाल. नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप पीने से 16 बच्चों की कथित मौत के गंभीर मामले ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। एक वकील द्वारा जनहित याचिका (PIL) दायर कर मामले की सीबीआई जांच और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में व्यापक न्यायिक जांच की मांग की गई है।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर इस याचिका में दूषित कफ सिरप के निर्माण, विनियमन, परीक्षण और वितरण से जुड़ी कमियों की गहराई से जाँच की मांग की गई है। याचिका में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ज़ोर दिया गया है:
अदालत की निगरानी में जाँच: जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों की जाँच सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति द्वारा अदालत की निगरानी में कराई जाए।
CBI को मामला सौंपना: जहरीले कफ सिरप से जुड़ी मौतों के संबंध में देश के विभिन्न राज्यों में लंबित सभी प्राथमिकी (FIRs) और जाँच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित किया जाए।
नियामक कमियों की पहचान: केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह एक राष्ट्रीय स्तर का न्यायिक या विशेषज्ञ निकाय गठित करे, जो उन नियामकीय कमियों को पहचाने जिनके कारण घटिया और खतरनाक दवाइयाँ बाज़ार तक पहुँचीं।
अनिवार्य विष विज्ञान परीक्षण: अदालत से आग्रह किया गया है कि आगे किसी भी दवा की बिक्री या निर्यात की अनुमति देने से पहले, सभी संदिग्ध उत्पादों का एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से विष विज्ञान परीक्षण (Toxicological Testing) अनिवार्य किया जाए।
याचिका में तर्क दिया गया है कि अलग-अलग राज्यों में चल रही जाँचों के कारण जवाबदेही बिखरी हुई है, जिससे बार-बार चूक हो रही है और खतरनाक फ़ॉर्मूलेशन बाज़ार में आ रहे हैं।
इस हृदय विदारक घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन द्वारा तत्काल कदम उठाए गए हैं:
गिरफ्तारी और निलंबन: ज्यादातर बच्चों को कथित तौर पर यही कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर डॉ. प्रवीन सोनी को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया है।
कंपनी पर मामला: कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को निलंबित किया और ड्रग कंट्रोलर का तबादला कर दिया।
SIT का गठन: पुलिस ने मामले की विस्तृत जाँच के लिए 12 सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया है।