मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने गांधी मेडिकल कॉलेज की भर्ती प्रक्रिया को अवैध मानते हुए नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। कोर्ट ने झूठा हलफनामा पेश करने के लिए पूर्व डीन सलिल भार्गव पर ₹2 लाख का जुर्माना भी लगाया। जानें इस मामले से जुड़ी पूरी खबर।
By: Ajay Tiwari
Aug 01, 20259:18 PM
जबलपुर. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ ने गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल की भर्ती प्रक्रिया को अवैध ठहराते हुए नितिन अग्रवाल समेत अन्य की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला एक योग्य आवेदक, मनोहर सिंह, को नौकरी से वंचित करने और झूठा शपथ पत्र पेश करने के मामले में सुनाया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने पूर्व डीन सलिल भार्गव पर ₹2 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
भोपाल निवासी मनोहर सिंह ने हॉस्पिटल मैनेजर, असिस्टेंट हॉस्पिटल मैनेजर और डिप्टी रजिस्ट्रार के पदों के लिए आवेदन किया था। उन्हें हॉस्पिटल मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया, जबकि डिप्टी रजिस्ट्रार पद के लिए पात्र माना गया, लेकिन इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया। इस विरोधाभासी स्थिति के खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
पूर्व डीन भार्गव ने कोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल कर कहा था कि मनोहर सिंह का ओबीसी प्रमाण पत्र डिजिटल नहीं था। हालांकि, कोर्ट ने रिकॉर्ड्स की जाँच करने पर पाया कि प्रमाण पत्र डिजिटल था और क्यूआर कोड के माध्यम से सत्यापित भी किया जा सकता था। इस पर कोर्ट ने डीन की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया।
हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अवैध घोषित करते हुए निर्देश दिया कि एक नई मेरिट लिस्ट तैयार की जाए और तीन महीने के भीतर नए सिरे से इंटरव्यू आयोजित किए जाएं।
न्यायालय ने पूर्व डीन भार्गव की सेवानिवृत्ति की आयु को देखते हुए उन पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय ₹2 लाख का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। जुर्माने की राशि को विभिन्न कल्याणकारी फंडों में जमा करने का आदेश दिया गया है:
मप्र पुलिस कल्याण कोष: ₹80,000
राष्ट्रीय रक्षा कोष: ₹40,000
राज्य विधि सेवा प्राधिकरण: ₹20,000
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन: ₹20,000
अगर पूर्व डीन 90 दिनों के भीतर यह राशि जमा नहीं करते हैं, तो भोपाल के पुलिस आयुक्त को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति होगी।
डॉ सलिल भार्गव ने स्टार समाचार को बताया कि यह नियुक्तियां मेरे समय की नहीं हैं, मैं 2023 में डीन बना था और अगस्त 2024 तक रहा। मैंने 2024 में हलफनामा दिया था, जबकि नियुक्ति 2019-2020 में हुईं थीं, उस समय डॉ टीएन दुबे जीएमसी के डीन थे।