हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सीएमडी डीके सुनील ने दुबई एयर शो में तेजस लड़ाकू विमान के क्रैश होने को एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा बताया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तेजस में कोई तकनीकी कमी नहीं है, यह एक शानदार और सुरक्षित विमान है, जिसका सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतरीन है। HAL जल्द ही U-CAV CATS वॉरियर प्रोजेक्ट को भी पूरा करने वाला है।
By: Ajay Tiwari
Nov 28, 20253:27 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने दुबई एयर शो के अंतिम दिन भारतीय हल्के लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) के क्रैश होने की घटना को महज दुर्भाग्यपूर्ण हादसा करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घटना का तेजस कार्यक्रम के भविष्य पर किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा HAL चेयरमैन ने एएनआई नेशनल सिक्योरिटी समिट में रक्षा निर्यात पर बोलते हुए इस बात पर जोर दिया कि तेजस में किसी प्रकार की कोई तकनीकी कमी नहीं है।
"तेजस में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। मैं इस मंच से यह घोषणा करता हूं कि यह एक शानदार लड़ाकू विमान है। यह पूरी तरीके से सुरक्षित है और दुनिया में इसका सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतरीन है।"
डीके सुनील ने बताया कि यह दुर्घटना बेशक दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसका तेजस के भविष्य या उसकी क्षमताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि दुबई में हुआ यह क्रैश पहला मौका था जब तेजस किसी विदेशी धरती पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। निर्माण के बाद से यह तेजस के साथ हुई केवल दूसरी क्रैश घटना है, जो इसके बेहतरीन सुरक्षा रिकॉर्ड को दर्शाती है।
HAL चेयरमैन ने कहा कि जब कोई देश अपनी स्वदेशी तकनीक पर आगे बढ़ता है, तो उसे कई चरणों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने जोर दिया कि भारत ने इस 4.5 जेनरेशन के लड़ाकू विमान को नई क्षमताओं के साथ बनाकर एक बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। सुनील ने कहा, "भले ही लोग आलोचना करेंगे और बातें बनाएंगे, लेकिन हमको पीछे नहीं हटना होगा। हमारे पास अभी 180 तेजस हैं और यह संख्या भविष्य में और बढ़ेगी। हमारे पास इस विमान के लिए एक बड़ी निर्यात मार्केट (Export Market) भी होगी।"
HAL के भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल (U-CAV) प्रोजेक्ट का भी उल्लेख किया। CATS वॉरियर नामक यह प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, CATS वॉरियर 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा और 2027 तक इसकी पहली उड़ान की उम्मीद है।