ग्वालियर में एक नाबालिग से कथित दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार आरोपी राहुल लोधी को हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। आरोपी पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि पीड़िता द्वारा झूठा 'हनीट्रैप' रचा गया और पैसों के लिए केस दर्ज कराया गया है
By: Ajay Tiwari
Oct 22, 20253 hours ago
ग्वालियर. स्टार समाचार वेब.
ग्वालियर में एक नाबालिग से कथित दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार आरोपी राहुल लोधी को हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। आरोपी पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि पीड़िता द्वारा झूठा 'हनीट्रैप' रचा गया और पैसों के लिए केस दर्ज कराया गया है। बचाव पक्ष ने इस दावे को साबित करने के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और पीड़िता के व्यवहार से जुड़े तथ्यों को पेश कर कोर्ट को संतुष्ट किया।
पीड़िता का आरोप बनाम बचाव पक्ष की दलील
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 5 अगस्त 2025 को नाश्ता लेने जाते समय आरोपी राहुल लोधी और एक अन्य युवक कल्लू खान ने उसे कट्टे की नोक पर अगवा कर डीडी नगर के एक होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया और शाम को चौराहे पर छोड़ दिया। यह शिकायत 16 सितंबर को दर्ज की गई।
इसके विपरीत, आरोपी के वकील हिमांशु चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि यह संबंध सहमति से बना था। वकील ने दलील दी कि बाद में पीड़िता ने ₹2 लाख की मांग की और पैसे न मिलने पर दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज करा दिया।
कॉल रिकॉर्ड्स बने मुख्य आधार:
बचाव पक्ष ने कोर्ट में पीड़िता के बालिग होने (समग्र आईडी के आधार पर) और हनीट्रैप के समर्थन में महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए:
112 कॉल्स का रिकॉर्ड: वकील ने CDR पेश करते हुए बताया कि कथित घटना (5 अगस्त) के दिन और अगले दिन पीड़िता ने आरोपी को कुल 112 बार कॉल किया था।
सवाल: वकील ने कोर्ट में प्रश्न उठाया कि यदि आरोपी पर इतना गंभीर आरोप है, तो पीड़िता उसे बार-बार फोन क्यों कर रही थी?
धमकी के सबूत: आरोपी पक्ष ने कोर्ट में धमकी भरे संदेशों और कॉल रिकॉर्ड को भी साक्ष्य के रूप में पेश किया।
कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट ने फिलहाल मामले के गुण-दोषों (सत्य या असत्य) पर कोई टिप्पणी नहीं की। कोर्ट ने माना कि इस स्तर पर प्रमाणों का विस्तृत परीक्षण संभव नहीं है। इसलिए, न्यायालय ने आरोपी राहुल लोधी को न्यायिक राहत देते हुए सशर्त जमानत प्रदान कर दी।