हर साल 5 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस मनाया जाता है। यह दिन दान, परोपकार और सेवा की भावना को समर्पित है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य मदर टेरेसा के सेवाभाव को याद करना और लोगों को समाज के जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है।
By: Ajay Tiwari
Sep 03, 20254:28 PM
सेवा का प्रतीक: मदर टेरेसा की पुण्यतिथि
स्टार समाचार वेब. फीचर डेस्क
पांच सितंबर को दुनियाभर में चैरिटी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को महान संत मदर टेरेसा को समर्पित किया है। पांच सितंबर को मदर टेरेसा ने दुनिया का अलविदा कहा था। मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और असहाय लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनकी निस्वार्थ सेवा और करुणा की भावना ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया। यह दिन हमें याद दिलाता है कि मानवता की सच्ची सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
चैरिटी या दान का मतलब केवल आर्थिक मदद देना नहीं है। यह समय, ज्ञान, और मेहनत का दान भी हो सकता है। कोई व्यक्ति जो अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालकर जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाता है, वह भी चैरिटी कर रहा है। कोई व्यक्ति जो किसी बेघर को खाना खिलाता है, वह भी दान का ही एक रूप है। चैरिटी हमें एक बेहतर इंसान बनाती है और समाज में आपसी जुड़ाव को मजबूत करती है। यह हमें सिखाती है कि हम सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी जिम्मेदार हैं।
आज की दुनिया में, जहाँ आर्थिक असमानता एक बड़ी चुनौती है, चैरिटी का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने, शिक्षा को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और गरीबी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस एक मौका देता है कि हम अपने जीवन में दान को एक आदत के रूप में शामिल करें।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर छोटा योगदान मायने रखता है। चाहे वह एक रुपया हो, एक घंटे का समय हो, या सिर्फ दया का एक शब्द हो, हर एक प्रयास से दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।