कोरोना काल में सतना जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2 करोड़ से अधिक की राशि के गबन का आरोप अमरपाटन विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र सिंह ने सदन में उठाया है। उन्होंने बीएमओ और तत्कालीन सीएमएचओ की संलिप्तता की बात कही है। फोटोकॉपी सेंटर को दिए गए लाखों के भुगतान ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। जांच और ऑडिट की मांग की गई।
By: Yogesh Patel
Aug 01, 20258:10 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
क्या सतना में कोरोना काल के दौरान प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है? क्या इसमें तत्कालीन सीएमएचओ समेत तमाम बीएमओ भी संलिप्त हैं? सवाल इसलिए क्योंकि सतना में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व अमरपाटन विधायक डा. राजेन्द्र सिंह द्वारा लगाया गया है। डा. राजेन्द्र सिंह ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से स्वास्थ्य अधिकारियों पर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बताया गया है कि कोरोना काल में राज्य शासन द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सतना कार्यालय को 2 करोड़ से ज्यादा की राशि आवंटित की गई थी। सदन को बताया गया कि इस राशि में से 43 लाख रुपए सभी 8 ब्लाकों के बीएमओ को दे दी गई जबकि शेष राशि बंदरबांट का शिकार हो गई।
उच्च स्तरीय ऑडिट की दरकार
सदन को स्वास्थ्य विभाग सतना द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से अवगत कराते हुए पूर्व विस उपाध्यक्ष डा. राजेन्द्र सिंह ने कोरोना काल की पहली व दूसरी लहर में दी गई कुल राशि का ब्यौरा मांगा और यह राशि कब और कहां व्यय की गई? इसकी उच्च स्तरीय जांच के साथ ऑडिट की भी मांग की गई। पूर्व विस उपाध्यक्ष ने अंदेशा जताया कि फर्जीवाडेÞे पर पर्दा डालने आय- व्यय के दस्तावेजों को नष्ट करने की साजिश चल रही है। ऐसे में कोरोना काल के स्वास्थ्य विभाग के आय- व्यय के दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाए।
आपदा में तलाशा अवसर
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण के जरिए सदन के सामने दो संदिग्ध भुगतानों का उदाहरण भी रखा। सदन को बताया गया कि रामपुर बाघेलान स्थित परिहार फोटोकापी सेंटर को 5 लाख 9 हजार 948 रुपए का बिल दिया गया जिसमें से 20 हजार 4 सौ रुपए काटकर 4 लाख 89 हजार 548 रुपए का भुगतान एकाउंट क्रं. 08076287055 से किया गया। इसकी एप्रूवल डेट 11 अगस्त 2021 थी। इसी प्रकार 4 सितम्बर 2021 को परिहार फोटोकापी को 1 लाख 51 हजार 839 रुपए का भुगतान किया गया। 1 महीने के भीतर रामपुर बाघेलान की एक फोटोकापी सेंटर को किया गया 5 लाख से अधिक का भुगतान भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। पूर्व विस उपाध्यक्ष ने सदन का ध्यान आकर्षित कराते हुए इस संवेदनशील मसले की जांच और ऑडिट करा दोषी अधिकारी- कर्मचारी को निलंबित करने की मांग की है।