×

सतना के गांवों में जंगली सुअरों और नीलगायों का आतंक: फसलें चौपट, किसान लाचार, प्रशासन मूकदर्शक

सतना जिले के देवरा, सरिसताल, करही और आसपास के गांवों में जंगली सुअरों और नीलगायों के झुंडों ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। खेतों में रात-दिन उत्पात मचा रहे इन वन्य प्राणियों पर कार्रवाई की कोई व्यवस्था नहीं है। किसान मुआवजे और सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासन और वन विभाग जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।

By: Yogesh Patel

Aug 01, 20258:16 PM

view1

view0

सतना के गांवों में जंगली सुअरों और नीलगायों का आतंक: फसलें चौपट, किसान लाचार, प्रशासन मूकदर्शक

हाइलाइट्स

  • 50 से ज्यादा जंगली सुअर और 20+ नीलगायों के झुंड सतना के गांवों में फसलों का कर रहे हैं सफाया।
  • फसल बीमा में नहीं है वन्य प्राणीजनित नुकसान, किसान मुआवजा और सुरक्षा के लिए बेहाल।
  • प्रशासन, वन विभाग और नेताओं की निष्क्रियता से किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

सतना, स्टार समाचार वेब

खेतों में लहलहाती फसलें अन्नदाता की मेहनत और आशा की प्रतीक होती हैं, लेकिन इन दिनों किसानों की ये मेहनत जंगली सुअर और नीलगाय के आतंक की भेंट चढ़ रही है। खासकर सतना से सटे देवरा, सरिसताल, करही , गौरा, भाद, भुमकहर , कुड़िया, नकटी, पवइया, गुलुआ, नैना, मौहार  और सोहौला जैसे गांवों में इन जानवरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि किसान अब हताश और लाचार नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रात होते ही खेतों में इन जानवरों का जमावड़ा लग जाता है। जंगली सुअर फसलों को तहस-नहस करने के साथ खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे कर देता है, जिससे ना सिर्फ फसलें तबाह होती हैं बल्कि अगली बुवाई भी मुश्किल हो जाती है। वहीं नीलगायों के झुंड खेत में घुसकर खड़ी फसल को चट कर जाते हैं।इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि वन्य प्राणियों से होने वाले फसलों का नुकसान  सरकार की फसल बीमा में शामिल नहीं है। 

50 से अधिक जंगली सुअर, 20 से अधिक नीलगाय  

इन गांवों के किसानों का दावा है कि देवरा सरिसताल से लेकर मौहार के बीच तक 50 से 55 जंगली सुअर चहलकदमी कर रहे हैं जबकि 20 से 25 नीलगायें भी खेतों में उत्पात मचा रही हैं। कई किसानों की तो एकड़ों में खड़ी फसल ये वन्य प्राणी बरबाद कर रहे हैं ।  इस संबंध में किसान लंबे अरसे से शिकायत कर प्रशासन को अपना दर्द बताते रहे हैं  लेकिन प्रशासन के पास इनसे निपटने की कोई कारगर योजना नहीं है। 

किसान लाचार, किससे करें फरियाद?

स्थिति यह है कि किसान प्रशासन और वन विभाग के बीच पिस रहे हैं। उनका सवाल है कि जब कोई उनकी फसलें उजाड़ रहा है, तो वे अपनी आजीविका कैसे बचाएं? न तो मुआवजा समय पर मिल पाता है और न ही नुकसान की भरपाई होती है। स्थानीय किसान राममिलन का कहना है, कि हमारे पास ना तो हथियार हैं और ना ही कानूनी अधिकार कि हम इन जानवरों से अपनी फसलों की रक्षा कर सकें। प्रशासन से शिकायत करते हैं तो वह वन विभाग की ओर भेज देता है, और वन विभाग के पास कोई समाधान नहीं।

पल्ला झाड़ रहा प्रशासन 

इन समस्याओं को लेकर स्थानीय किसानों ने कई बार प्रशासन और वन विभाग से गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसानों की मांग है कि या तो उन्हें जंगली सुअरों को मारने की अनुमति दी जाए या फिर प्रशासन इनकी धरपकड़ करे। हालांकि इस पर वन विभाग के वन मंडलाधिकारी मयंक चांदीवाल ने स्पष्ट किया कि वन विभाग का कार्य सिर्फ वन्य प्राणियों का रेस्क्यू करना है, उन्हें मारने की अनुमति देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। दूसरी ओर, एसडीएम ने भी कहा कि फसल नुकसान के लिए मुआवजा देने का प्रावधान है लेकिन जानवरों को मारने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कहा जाता है कि पूर्व में सरकार द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें जंगली सुअरों के अत्यधिक उत्पात की स्थिति में जिला प्रशासन की निगरानी में हंटर तैनात करने का प्रावधान बताया गया था। परंतु इस मामले में अधिकारी ही भ्रम की स्थिति में नजर आ रहे हैं। ना तो कोई हंटर तैनात किया गया और ना ही गांवों में कोई सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं।

समाधान की दरकार

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में सरकार को जल्द से जल्द प्रभावी नीति बनानी चाहिए। फेंसिंग, ट्रेंच खुदाई, अल्ट्रासोनिक रिपेलर और अन्य तकनीकी उपायों को अपनाकर खेतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।जब तक सरकारी विभागों के बीच समन्वय नहीं होता, तब तक अन्नदाता की समस्या जस की तस बनी रहेगी। सवाल यह है कि अगर किसान ही परेशान रहेगा, तो अन्न उत्पादन कैसे होगा? अब जरूरत है कि प्रशासन, वन विभाग और सरकार मिलकर किसानों की इस गंभीर समस्या का स्थायी हल खोजें, वरना अन्नदाता का खेत ही नहीं, उसका भविष्य भी उजड़ जाएगा।

उप्र मे वन्य प्राणियों के नुकसान को फसल बीमा में शाुमिल करने का प्रावधान है लेकिन सतना समेत समूचे प्रदेश में एसा नहीं है। प्रशासन फसलें चट कर रहे वन्य प्राणियों की धर पकड़ करे और सरकार इनसे होने वाले नुकसान को फसल बीमा में शामिल करे। 

जगदीश सिंह, अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान यूनियन 

मैंने 3 एकड़ में अरहर बोई लेकिन बाजार से मुझे 40 किलो अरहर खाने के लिए खरीदनी पड़ी। कारण , जंगली सुअर व नीलगाय ने पूरी फसल बर्बाद कर दी। लगातार प्रशासन को हम किसानों ने समस्या से अवगत कराया लेकिन कोई राहत नहीं मिली। ऐसे तो जिले का किसान बर्बाद हो जाएगा। 

कृष्णेंद्र सिंह, किसान, नैना 

खेत में खड़ी फसलों को जंगली सुअर व नीलगाय खराब कर रहे हैं, जिससे हमें हर सीजन में नुकसान उठाना पड़ रहा है। जंगली सुअर अब धान का दुश्मन बन रहा है जो खेतों में गड्ढे बनाकर पूरी फसल बरबाद कर रहा है। अभी हम मार दें तो वन्य प्राणी अधिनियम लगाकर कार्रवाई करने अधिकारी दौड़े आएंगे लेकिन इनसे हो रहे नुकसान को वे नजरंदाज कर रहे हैं। 

मिथलेश तिवारी, किसान, करही

हम अपनी फसलों को जंगली सुअरों व नीलगायों द्वारा बरबाद करते देखने के लिए मजबूर हैं। प्रशासनिक अधिकारी हाथ हाथ पर धरे बैठे हैं। शिकायत करो तो नियम व अधिनियम बताने लगते हैं। नेताओं को फुर्सत नहीं है ओर अधिकारी विमुख हैं। आखिर हम किसके पास फरियाद करें? 

रामचेरे शर्मा, किसान सरिसताल

COMMENTS (0)

RELATED POST

लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन पर डेढ़ हजार रुपए देगी सरकार

1

0

लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन पर डेढ़ हजार रुपए देगी सरकार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को उज्जैन में पूरे दिन अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे शनिवार शाम को उज्जैन पहुंचे और रात को वहीं रुके। सुबह से उनके कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। सबसे पहले सीएम नागझिरी स्थित बेस्ट लाइफ स्टाइल अपेरल फैक्ट्री के कार्यक्रम में शामिल हुए।

Loading...

Aug 03, 2025just now

इंदौर से भोपाल आ रही चार्टर्ड का ब्रेक फेल... बस को मारी टक्कर... पलटी

1

0

इंदौर से भोपाल आ रही चार्टर्ड का ब्रेक फेल... बस को मारी टक्कर... पलटी

भोपाल-इंदौर हाईवे पर सीहोर जिले के आष्टा क्षेत्र में अरनिया गाजी जोड़ के पास भीषण सड़क हादसा हो गया। इंदौर से भोपाल आ रही चौहान ट्रेवल्स की बस यात्री को उतार रही थी, तभी पीछे से तेज रफ्तार चार्टर्ड बस ( एमपी 09 एएम 6115) ने टक्कर मार दी।

Loading...

Aug 03, 2025just now

साध्वी प्रज्ञा ने कहा- भगवा आतंकवाद नहीं हो सकता....कांग्रेस ने यह कुचक्र रचा 

1

0

साध्वी प्रज्ञा ने कहा- भगवा आतंकवाद नहीं हो सकता....कांग्रेस ने यह कुचक्र रचा 

महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट में आरोपों से बरी होने के बाद भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने इस मामले की जांच कर रहे अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रज्ञा ठाकुर ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मुझे बुरी तरह टॉर्चर किया गया।

Loading...

Aug 03, 2025just now

बारिश-बाढ़ से आहत को सरकार ने दी 28.49 करोड़ की राहत 

1

0

बारिश-बाढ़ से आहत को सरकार ने दी 28.49 करोड़ की राहत 

मध्यप्रदेश में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। इस वजह से हादसे भी हो रहे हैं। पूरे मध्यप्रदेश की बात करें तो बाढ़ के दौरान हुए हादसों में 252 लोगों की जान जा चुकी है। मानसून की आमद के बाद से जून और जुलाई के ये आंकड़े सरकार ने खुद विधानसभा में बताए हैं।

Loading...

Aug 03, 2025just now

RELATED POST

लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन पर डेढ़ हजार रुपए देगी सरकार

1

0

लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन पर डेढ़ हजार रुपए देगी सरकार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को उज्जैन में पूरे दिन अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे शनिवार शाम को उज्जैन पहुंचे और रात को वहीं रुके। सुबह से उनके कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। सबसे पहले सीएम नागझिरी स्थित बेस्ट लाइफ स्टाइल अपेरल फैक्ट्री के कार्यक्रम में शामिल हुए।

Loading...

Aug 03, 2025just now

इंदौर से भोपाल आ रही चार्टर्ड का ब्रेक फेल... बस को मारी टक्कर... पलटी

1

0

इंदौर से भोपाल आ रही चार्टर्ड का ब्रेक फेल... बस को मारी टक्कर... पलटी

भोपाल-इंदौर हाईवे पर सीहोर जिले के आष्टा क्षेत्र में अरनिया गाजी जोड़ के पास भीषण सड़क हादसा हो गया। इंदौर से भोपाल आ रही चौहान ट्रेवल्स की बस यात्री को उतार रही थी, तभी पीछे से तेज रफ्तार चार्टर्ड बस ( एमपी 09 एएम 6115) ने टक्कर मार दी।

Loading...

Aug 03, 2025just now

साध्वी प्रज्ञा ने कहा- भगवा आतंकवाद नहीं हो सकता....कांग्रेस ने यह कुचक्र रचा 

1

0

साध्वी प्रज्ञा ने कहा- भगवा आतंकवाद नहीं हो सकता....कांग्रेस ने यह कुचक्र रचा 

महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट में आरोपों से बरी होने के बाद भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने इस मामले की जांच कर रहे अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रज्ञा ठाकुर ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मुझे बुरी तरह टॉर्चर किया गया।

Loading...

Aug 03, 2025just now

बारिश-बाढ़ से आहत को सरकार ने दी 28.49 करोड़ की राहत 

1

0

बारिश-बाढ़ से आहत को सरकार ने दी 28.49 करोड़ की राहत 

मध्यप्रदेश में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। इस वजह से हादसे भी हो रहे हैं। पूरे मध्यप्रदेश की बात करें तो बाढ़ के दौरान हुए हादसों में 252 लोगों की जान जा चुकी है। मानसून की आमद के बाद से जून और जुलाई के ये आंकड़े सरकार ने खुद विधानसभा में बताए हैं।

Loading...

Aug 03, 2025just now