यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन (USCC) की 800 पन्नों की रिपोर्ट ने मई में हुए भारत-पाक संघर्ष पर विवादास्पद दावा किया। रिपोर्ट में पाकिस्तान की सैन्य सफलता, चीनी हथियारों के उपयोग और खुफिया इंटेलिजेंस का जिक्र। कांग्रेस ने भारत सरकार से विरोध जताने की मांग की।
By: Ajay Tiwari
Nov 20, 20255:28 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
भारत पाकिस्तान संघर्ष को लेकर अमेरिका के एक प्रमुख आयोग की रिपोर्ट ने एक बड़ा और विवादास्पद दावा किया है। यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन (USCC) द्वारा जारी 800 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिनों के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने भारत को हराया था। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में पहलगाम हमले को आतंकवादी हमला मानने के बजाय इसे एक 'विद्रोही हमला' करार दिया गया है।
चीन ने किया हथियारों का लाइव वॉर टेस्ट: USCC रिपोर्ट
USCC की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने इस चार दिवसीय संघर्ष का उपयोग अपने आधुनिक हथियारों को दुनिया को दिखाने और उनका लाइव वॉर टेस्ट करने के लिए किया। रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध के बाद चीन ने विश्वभर में अपने हथियारों का प्रचार किया और दावा किया कि पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का उपयोग कर भारत के लड़ाकू विमानों को गिराया है। रिपोर्ट बताती है कि इस संघर्ष में पाकिस्तान को बड़ी सैन्य कामयाबी हासिल हुई।
रिपोर्ट में पाकिस्तान के उस दावे का भी उल्लेख है जिसमें उसने राफेल जेट सहित 6 भारतीय फाइटर जेट गिराने की बात कही थी, हालांकि रिपोर्ट के अनुसार केवल 3 भारतीय विमान गिराए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान पाकिस्तान ने चीन के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 मिसाइलें और J-10 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019–2023 के बीच पाकिस्तान के 82% हथियार चीन से आए हैं। भारत ने पहले यह दावा किया था कि पाकिस्तान ने चीन से मिली खुफिया जानकारी (इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल किया था, हालांकि पाकिस्तान ने इन दावों को खारिज कर दिया था।
कांग्रेस ने उठाए सवाल; चीन ने बताया राजनीतिक एजेंडा
इस अमेरिकी रिपोर्ट पर भारत में कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह भारतीय कूटनीति के लिए एक और बड़ा झटका है। उन्होंने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय से पूछा है कि क्या वे इस रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे और विरोध जताएंगे।
ग्लोबल टाइम्स ने USCC की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
दूसरी ओर, चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने USCC की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। अखबार ने लिखा है कि USCC ने एक बार फिर चीन की प्रगति को दुनिया के लिए खतरा के रूप में पेश किया है, जिससे लगता है कि यह रिपोर्ट राजनीतिक मकसद से लिखी गई है। अखबार ने USCC पर पूर्वाग्रह और हकीकत का निष्पक्ष विश्लेषण न करने का आरोप लगाया और कहा कि चीन की हथियार इंडस्ट्री के विकास पर आरोप लगाना किसी भी संप्रभु देश के अपने रक्षा क्षमता बढ़ाने के मूल अधिकार को नकारने जैसा है।
USCC, जो कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स पार्टियों द्वारा गठित एक आयोग है, चीन-अमेरिका के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों की निगरानी करता है और हर साल चीन के वैश्विक प्रभाव पर रिपोर्ट पेश करता है।
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