नौलखी में शिवत्व का महा अनुष्ठान, 25 हजार वेद मंत्रों से नित्य रुद्राभिषेक
By: Gulab rohit
Nov 11, 202511:20 PM
गंजबासौदा। वेत्रवती घाट स्थित नौलखी धाम आश्रम के विजय हनुमान मंदिर पर 8 नवंबर से प्रारंभ हुए 11 दिवसीय नर्मदेश्वर महादेव के रुद्राभिषेक के महा अनुष्ठान ने आध्यात्मिक वातावरण को पूरी तरह शिवमय बना दिया है। दिव्य अनुष्ठान में अयोध्या, प्रयागराज के अलावा स्थानीय वेदपाठी प्रकांड 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 25,652 वेद मंत्रों के द्वारा सुबह 9 से दोपहर 1:30 बजे तक एक कुंटल गन्ने के रस से भगवान नर्मदेश्वर महादेव का नित्य रुद्राभिषेक किया जा रहा है। अभिषेक के पश्चात शाम 4 बजे से 1100 बिल्व पत्र, 1100 शमी पत्र, और पांच प्रकार के सुगंधित पुष्पों से भगवान शिव के सहस्रनामों से पुष्पार्चन संपन्न हो रहा है। इसके अलावा अयोध्या से आए सात ब्राह्मणों द्वारा सवा लाख कनकधारा स्तोत्र का पाठ किया जा रहा है। महारुद्र अभिषेक के इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति 18 नवंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि वेत्रवती घाट की तपोभूमि का वातावरण इन दिनों आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ शिव भक्ति में लीन है। वैकुंठवासी सिद्ध संत बाबा जगन्नाथदास जी महाराज द्वारा स्थापित नौलखी आश्रम में भगवान जगन्नाथ महाप्रभु और भगवान सीताराम जी के नवीन विग्रह की स्थापना के बाद अब दिव्य और भव्य शिव लोक निर्माण की परिकल्पना पवित्र संकल्प के साथ नर्मदेश्वर महादेव के महारुद्राभिषेक से प्रारम्भ हो गई है। नौलखी खालसा के श्री महंत राममनोहर दास जी महाराज के सान्निध्य में आश्रम के विजय हनुमान मंदिर परिसर में अद्वितीय शिवत्व की अनुभूति के साथ सुबह से लेकर देर शाम तक आयोजित हो रहा 11 दिवसीय यह दिव्य अनुष्ठान, भक्तों के हृदय में अध्यात्म की नई ज्योति जगा रहा है। महंत श्री राम मनोहर दास जी महाराज के साथ-साथ प्रतिदिन नए यजमानों के द्वारा अभिषेक पूजन की जाती है। मंगलवार को यजमान रघुवीर सिंह रघुवंशी कालापाठा, एडवोकेट जयंत रघुवंशी एवं भानुसिंह ठाकुर द्वारा रुद्राभिषेक किया गया। पं. केशव शास्त्री के आचार्यत्व में चल रहे रुद्राभिषेक अनुष्ठान के दौरान पंडित संजय पाठक, पंडित अरविन्द अवस्थी, पं.अनिल शर्मा, गौरव शर्मा, राहुल शर्मा सहित अन्य वेद पाठी ब्राह्मणों द्वारा एक लय, स्वर और एक साथ भावभगिमां के साथ वेदों की ध्वनियों से जब वातावरण गूंजता है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो सृष्टि स्वयं "ॐ नमः शिवाय" का उच्चारण कर रही हो।
संपूर्ण शक्ति का बीज ही शिवलिंग है: पंडित केशव शास्त्री
अनुष्ठान के दौरान आचार्य पंडित केशव शास्त्री ने शास्त्रों में वर्णित शिव महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि शब्द से उत्पन्न आकाश और आकाश से उत्पन्न सृष्टि का प्रत्येक कण भगवान शिव के तत्व से ही प्रकाशित है। सृष्टि के आरंभ से लेकर उसके संचालन और संहार तक, शिव ही ब्रह्म, विष्णु और रुद्र रूप में विद्यमान रहते हैं। शास्त्रों में कहा गया है "संपूर्ण शक्ति का बीज ही शिवलिंग है।" शब्द से उत्पन्न आकाश और आकाश से उत्पन्न सृष्टि का प्रत्येक कण भगवान शिव के तत्व से ही प्रकाशित है। सृष्टि के आरंभ से लेकर उसके संचालन और संहार तक, शिव ही ब्रह्म, विष्णु और रुद्र रूप में विद्यमान रहते हैं। जहां शब्द ही सृष्टि का प्रारंभ है, वहां भगवान शिव की सत्ता उस शब्द की आत्मा है। जैसे आकाश सर्वत्र व्यापक है, वैसे ही शिव तत्व संपूर्ण सृष्टि में व्याप्त है।