नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचाई है। भूस्खलन, बाढ़ और बिजली गिरने से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता हैं। नेपाल सेना, पुलिस और सशस्त्र बल राहत-बचाव कार्यों में लगे हैं।
By: Sandeep malviya
Oct 05, 20251 hour ago
काठमांडू। नेपाल में दो दिन हुई लगातार बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल पुलिस द्वारा जारी ताजा जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर साढ़े 1 बजे तक एकत्र किए गए विवरण के मुताबिक देशभर में 51 लोगों की जान गई है और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं । सबसे ज्यादा जनहानि कोशी प्रदेश में हुई है। केवल इलाम जिले में ही 37 लोगों की मौत हुई है। वहीं, मौसम में कुछ सुधार होने पर काठमांडू से यातायात आंशिक रूप से बहाल किया गया है, हालांकि रात में वाहनों की आवाजाही पर रोक जारी है। खराब मौसम के चलते कई घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी गईं।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में हुई इस तबाही पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने पड़ोसी देश को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। पीएम मोदी ने एक पोस्ट में कहा कि नेपाल में भारी बारिश से जनहानि और नुकसान बेहद दुखद है। इस कठिन समय में भारत नेपाल सरकार और वहां के लोगों के साथ खड़ा है। एक मित्र पड़ोसी और पहले रिस्पॉन्डर के रूप में भारत हर संभव मदद के लिए तैयार है।
लगातार बारिश से यातायात बाधित
लगातार बारिश से राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन और जलभराव के कारण काठमांडू से आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर शनिवार को रोक लगा दी गई थी। रविवार को मौसम में आंशिक सुधार के बाद दिन के समय आपात सेवाओं, सामान ढोने वाले और कुछ यात्री वाहनों को अनुमति दी गई, लेकिन रात में आवागमन पर रोक बरकरार रहेगी। काठमांडू और आसपास के इलाकों में रविवार को बारिश थोड़ी कम हुई। वहीं, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (ळकअ) से काठमांडू, पोखरा, जनकपुर, भरतपुर और भद्रपुर की घरेलू उड़ानें खराब मौसम के कारण रद्द कर दी गईं हैं।
पांच प्रांतों में मानसून सक्रिय
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून इस समय नेपाल के सात में से पांच प्रांतों-कोशी, मधेश, बागमती, गंडकी और लुंबिनी में सक्रिय है। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और आपदा प्रबंधन दल अलर्ट पर हैं।