मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में बिजली कंपनी ने ये दावा करके उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए थे कि इससे बिजली बिल सही आएगा। जैसे मोबाइल रिचार्ज कराते हैं, उसी तर्ज पर ये मीटर भी रिचार्ज होंगे।
By: Arvind Mishra
Jun 18, 202554 minutes ago
भोपाल। स्टार समाचार बेव
मध्य प्रदेश अजब है... सबसे गजब है... ये चर्चित कहावत तो सबने सुनी ही होगी। दरअसल, हम ये बात इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को झटका मार रहे हैं। गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पिछले साल प्रदेश के दस जिलों का चयन किया गया था। जिसमें प्रमुख रूप से भोपाल, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, गुना और शिवपुरी हैं। हालांकि अब यह व्यवस्था प्रदेशभर में की जा रही है। दरअसल, मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में बिजली कंपनी ने ये दावा करके उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए थे कि इससे बिजली बिल सही आएगा। जैसे मोबाइल रिचार्ज कराते हैं, उसी तर्ज पर ये मीटर भी रिचार्ज होंगे। बिल में गड़बड़ी का तो सवाल ही नहीं उठता। उपभोक्ताओं ने भी खुशी-खुशी बिजली कंपनी का साथ दिया, लेकिन जब इन स्मार्ट मीटर का बिल आया तो लोगों के होश उड़ गए। विदिशा शहर के वार्ड-38 स्थित आज्ञाराम कॉलोनी में रहने वाले मजदूर परिवारों की बिजली के बिल ने नींद उड़ा दी है। झोपड़ी में रहने वाले इन परिवारों को स्मार्ट मीटर लगने के बाद एक महीने में ही लाखों का बिजली बिल थमा दिया गया।
इधर, बिजली कंपनी के जनरल मैनेजर सत्येंद्र मौर्य कहा कहना है कि ज्यादा बिल क्यों आए, इसकी जानकारी ली जा रही है। स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों के मन में भ्रांतियां हैं, लेकिन ये मीटर पारदर्शिता के लिए लगाए गए हैं। दिन के समय में छूट भी मिलेगी।
किरण अहिरवार मजदूरी कर जीवन यापन कर रही हैं। उनका मई माह का बिजली बिल 7 लाख से ऊपर आया है। किरण के अनुसार, झोपड़ी में रहते हैं। दो एलईडी बल्ब और एक पंखा चलता है। हमने 181, कलेक्ट्रेट और बिजली कंपनी में बिजली बिल की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी तरह मोहल्ले में रहने वाली सलोनी भी झोपड़पट्टी में रहती हैं। उनके घर में सिर्फ दो एलईडी बल्ब है और एक पंखा चलता है। लेकिन जब बिल आया तो लाख रुपए के पार पहुंच गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बताया गया था कि स्मार्ट मीटर से कम बिल आएगा। मोबाइल पर दिखेगा, लेकिन अब तो ये स्मार्ट मीटर हमें कंगाल कर देगा। 7 लाख से अधिक का बिल हम लोग कैसे भरेंगे। जब से स्मार्ट मीटर लगे हैं, तभी से इतना बिजली बिल आया है। पहले हमारा बिल एक महीने में 100-200 रुपए आता था।
उक्त मोहल्ले में रहने वाले बृजेश सैनी का बिजली बिल भी चौंकाने वाला है। उनका कहना है कि हमारे घर का बिजली बिल 7 लाख से ज्यादा आया है। इतना पैसा हमारे पास होता तो हम नया पक्का घर बना लेते। झुग्गी में क्यों रहेंगे। हमारे घर में लगा स्मार्ट मीटर रोजाना 2 हजार से ज्यादा यूनिट दिखा रहा है। जबकि हमारे कमरे में 1 कूलर, 1 पंखा और बल्ब जलला है।
-फोन नहीं उठाने पर 15 अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकी गई
इधर, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिजली ट्रिपिंग और मेंटीनेंस कार्यों की समीक्षा के दौरान नाराजगी जताते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि बिजली कंपनियों के जिन अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है, उन्हें रिप्लेस करें। ऐसे अधिकारियों के स्थान पर उनके जूनियर सक्षम अधिकारियों को पदस्थ करें। वहीं बैठक में एमडी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं का फोन नहीं उठाने पर 15 अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकी गई है। ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि क्षेत्र का सतत भ्रमण करें। टूर प्रोग्राम की जानकारी एडवांस में भेजें। निरीक्षण के दौरान सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों, ट्रिपिंग और मेंटीनेंस की स्थिति प्रमुखता से देखें। जिन शिकायतों का निराकरण 3 से 4 घंटे में हुआ है, उनकी कारण सहित जानकारी दें। इस पर भी विचार करें कि क्या मेंटीनेंस का समय 4 घंटे से कम किया जा सकता है। मंत्री ने जिलेवार लंबित शिकायतें एवं उनके निराकरण में लगने वाले समय की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में करें। अगर कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, तो निराकरण में न्यूनतम समय लगना चाहिए।