जुलाई से 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को किसी भी पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं दिया जाएगा। यह नियम कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निदेर्शों के अनुसार लागू किया गया है।
By: Arvind Mishra
Jun 21, 20252 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार बेव
दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। दरअसल, सरकार का मानना है कि इस सख्ती से दिल्ली की सड़कों पर पुराने धुआं छोड़ने वाले वाहनों की संख्या घटेगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा और लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा। सरकार के नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2025 से 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को किसी भी पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं दिया जाएगा। यह नियम कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निदेर्शों के अनुसार लागू किया गया है। खास बात यह है कि यह नियम दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश में लागू होगा। दिल्ली वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने फैसला लिया है कि यह नियम दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश में लागू होगा। 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन इस नियम के दायरे में आएंगे। पेट्रोल पंपों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं जो पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। सीएक्यूएम के अनुसार, दिल्ली में 62 लाख वाहन ऐसे हैं, जो अपनी समय सीमा पूरी कर चुके हैं। इनमें से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं। पूरे एनसीआर में ऐसे वाहनों की संख्या लगभग 44 लाख है। इनमें से ज्यादातर वाहन पांच बड़े शहरों में हैं।
नियम को लागू करने के लिए दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिसका काम तेजी से चल रहा है। ये कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी उम्र पहचानेंगे। अगर गाड़ी प्रतिबंधित श्रेणी में आती है, तो उसे फ्यूल नहीं दिया जाएगा। अगर कोई नियम का उल्लंघन करता है, तो गाड़ी जब्त कर ली जाएगी। साथ ही मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सीएक्यूएम ने यह स्पष्ट किया है कि यह नियम सिर्फ दिल्ली में पंजीकृत वाहनों के लिए नहीं है, बल्कि उन वाहनों पर भी लागू होगा, जो दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड हैं और दिल्ली में चलते हैं। सीएक्यूएम का कहना है कि पुराने वाहन प्रदूषण फैलाते हैं, इसलिए उन्हें सड़कों से हटाना जरूरी है।
सीएक्यूएम ने अप्रैल में ही पेट्रोल पंपों को यह निर्देश दे दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 1 जुलाई से पुराने वाहनों को ईंधन न दिया जाए। दिल्ली में लगभग 520 पेट्रोल पंप हैं। इनमें से 500 पर आटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान कैमरे लग चुके हैं। बाकी पंपों को 30 जून तक कैमरे लगाने का काम पूरा करना होगा।
यह सिस्टम फिलहाल एक जुलाई से दिल्ली में लागू हो रहा है, लेकिन आगामी 1 नवंबर 2025 से इसे दिल्ली से सटे 5 जिलों में भी लागू किया जाएगा। ये जिले गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत हैं। इन जिलों में 31 अक्टूबर तक एएनपीआर कैमरे लगाने का काम पूरा हो जाएगा।
हमारे निर्देशों में यह नहीं कहा गया है कि केवल दिल्ली में पंजीकृत मियाद पूरी कर चुके वाहनों का ही पता लगाया जाएगा और उन्हें ईंधन देने से मना किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर के बाहर पंजीकृत वाहन भी दिल्ली की सड़कों पर चलते हैं और प्रदूषण फैलाते हैं तो उन पर भी कार्रवाई होगी। यह सिस्टम भारत में कहीं भी पंजीकृत पुरानी बसों का पता लगा सकता है।
वीरेंद्र शर्मा, तकनीकी सदस्य, सीएक्यूएम