प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम ने इस दौरान देशवासियों को त्योहारों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छठ का जिक्र करते हुए कहा कि छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबिंब है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है।
By: Arvind Mishra
Oct 26, 20258 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम ने इस दौरान देशवासियों को त्योहारों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छठ का जिक्र करते हुए कहा कि छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबिंब है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है। ये दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है। इसके अलावा पीएम ने वंदे मातरम गीत, भारतीय नस्ल के डॉग्स, मैंग्रोव वन, जीएसटी बचत उत्सव से लेकर संस्कृत भाषा को लेकर चर्चा की। दरअसल, पीएम मोदी ने रविवार को एक बार फिर से मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम का 127वां एपिसोड था। इस बार के एपिसोड में पीएम मोदी ने चर्चा की शुरुआत छठ महापर्व से की। पीएम मोदी ने देशवासियों को छठ महापर्व का महत्व बताया। मोदी ने कहा कि आप सभी चाय से मेरे जुड़ाव के बारे में जानते हैं, लेकिन आज मैंने सोचा, क्यों न मन की बात में कॉफी पर भी चर्चा की जाए। ओडिशा के कई लोगों ने कोरापुट कॉफी के बारे में अपनी भावनाएं मेरे साथ साझा कीं। मुझे बताया गया है कि कोरापुट कॉफी का स्वाद लाजवाब है, और सिर्फ इतना ही नहीं; स्वाद के अलावा, कॉफी की खेती से भी लोगों को फायदा हो रहा है। कोरापुट में ऐसे लोग हैं जो अपने जुनून से कॉफी की खेती कर रहे हैं। भारतीय कॉफी पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय हो रही है। इसलिए कॉफी प्रेमी कहते हैं। भारत की कॉफी अपनी सर्वोत्तम कॉफी है। भारतीय कॉफी की विविधता वाकई अद्भुत है। मुझे बताया गया है कि हमारा पूर्वोत्तर भी कॉफी की खेती में प्रगति कर रहा है।
मन की बात के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपरेशन सिंदूर ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार, उन इलाकों में भी खुशी के दीये जलाए गए जहां कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। लोग उस नक्सली आतंक का पूरी तरह से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों का भविष्य खतरे में डाल दिया है।
मोदी ने कहा कि जीएसटी बचत उत्सव को लेकर भी लोगों में काफी उत्साह है। इस बार त्योहारों के दौरान भी कुछ ऐसा ही सुखद माहौल देखने को मिला। बाजारों में स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी में जबरदस्त वृद्धि हुई है। मैंने अपने पत्र में खाद्य तेल की खपत में 10 फीसदी की कमी करने का भी आग्रह किया था और लोगों ने इस पर भी काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु को झीलों का शहर कहा जाता है, और इंजीनियर कपिल शर्मा जी ने यहां की झीलों को नया जीवन देने का अभियान शुरू किया है। कपिल जी की टीम ने बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में 40 कुओं और 6 झीलों का कायाकल्प किया है। खास बात यह है कि उन्होंने अपने इस मिशन में निगमों और स्थानीय लोगों को भी शामिल किया है।
करीब पांच वर्ष पहले मैंने इस कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के श्वान यानी डॉग की चर्चा की थी। मैंने देशवासियों के साथ ही अपने सुरक्षा बलों से आग्रह किया था कि वे भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनाएं, क्योंकि वो हमारे परिवेश और परिस्थितियों के अनुरूप ज्यादा आसानी से ढल जाते हैं। बीएसएफ और सीआरपीएफ ने अपने दस्तों में भारतीय नस्ल के कुत्तों की संख्या बढ़ाई है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल आधुनिक काल में राष्ट्र की सबसे महान विभूतियों में से एक रहे हैं। उनके विराट व्यक्तित्व में अनेक गुण एक साथ समाहित थे। मेरा आप सबसे आग्रह है, 31 अक्टूबर को सरदार साहब की जयंती पर देशभर में होने वाली रन फॉन यूनिटी में आप भी जरूर शामिल हों।
पीएम मोदी ने कहा कि वन्देमातरम इस एक शब्द में कितने ही भाव हैं, कितनी ऊर्जाएं हैं। सहज भाव में ये हमें मां भारती के वात्सल्य का अनुभव कराता है। यही हमें मां भारती की संतानों के रूप में अपने दायित्वों का बोध कराता है। अगर कठिनाई का समय होता है तो वन्देमातरम का उद्घोष 140 करोड़ भारतीयों को एकता की ऊर्जा से भर देता है। 7 नवंबर को हम वन्देमातरम के 150वें वर्ष के उत्सव में प्रवेश करने वाले हैं। 150 वर्ष पूर्व वन्देमातरम की रचना हुई थी और 1896 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार इसे गाया था।