सीएम डॉ. मोहन यादव ने रन फॉर साइबर अवेयरनेस जागरूकता अभियान के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस सहित सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को बधाई देते हुए कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, पूरे समाज की है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, पर सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है।
By: Arvind Mishra
Oct 29, 20253:26 PM

भोपाल। स्टार समाचार वेब
सीएम डॉ. मोहन यादव ने रन फॉर साइबर अवेयरनेस जागरूकता अभियान के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस सहित सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को बधाई देते हुए कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, पूरे समाज की है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, पर सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। जब नागरिक जागरूक होगा, तभी राष्ट्र सुरक्षित होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने डिजिटल युग की सबसे जरूरी पहल को जन-आंदोलन का रूप दिया है। हम जिस रफ्तार से डिजिटल रूप से मजबूत हुए हैं उसी रफ्तार से नई परेशानियां और खतरे सिर उठाने लगे हैं। जिस तकनीक ने हमें जोड़ा है उसी तकनीक ने अपराधियों को नए हथियार भी दिए हैं और आज ठगी के नए-नए तरीके आ गए हैं। डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, हैकिंग, डेटा ब्रीचिंग, आॅनलाइन फ्रॉड, ओटीपी फॉड, आनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी और फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ये हमारे समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं। रन फॉर साइबर अवेयरनेस डिजिटल युग में नागरिक सुरक्षा का कर्तव्य निभा रही है। साइबर सिपाही, जिम्मेदारी, सुरक्षा और जागरूकता की दौड़ के लिए एकजुट हुए हैं। सीएम बुधवार को मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा और जागरूकता के लिए आयोजित रन फॉर साइबर अवेयरनेस के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
डीजीपी ने सीएम को भेंट किया स्मृति चिन्ह
मुख्यमंत्री ने रन के लिए एकत्र प्रतिभागियों को अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रन अटल पथ से एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए टीटी नगर स्टेडियम पर पूर्ण हुई। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पुलिस बैंड की धुन के साथ सलामी दी गई। डीजीपी ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
भारत डिजिटल क्रांति का अग्रदूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने जब डिजिटल इंडिया का सपना देखा था तब उन्होंने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की थी। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत डिजिटल क्रांति का अग्रदूत बना है। डिजिटल भुगतान, आनलाइन सेवाएं, ई-गवर्नेंस ये सब आज सबके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। मध्यप्रदेश ने भी पंचायत से लेकर सचिवालय तक हर स्तर पर डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का काम किया है।
पूरे समाज के लिए पीड़ा का विषय
बैंकिंग से लेकर शिक्षा तक और रोजगार से लेकर शासन तक हर प्रक्रिया अब आॅनलाइन है। आज के समय में साइबर अपराधी कभी स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर, कभी बैंक मैनेजर बनकर, तो कभी किसी सरकारी एजेंसी का नाम लेकर लोगों को ठग रहे हैं। जब किसी परिवार की मेहनत की कमाई पलभर में लुट जाती है, जब किसी विद्यार्थी का भविष्य ठगी में फंस जाता है, तो यह पूरे समाज के लिए पीड़ा का विषय बन जाता है।
साइबर ठगी होने पर तुरंत करें कॉल
सीएम ने कहा कि यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो जाए तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या रिपोर्ट दर्ज करें। देरी करने से पीड़ित के पैसे वापस मिलने की संभावना कम हो जाती है इसलिए त्वरित कार्रवाई ही बचाव है। जैसे हमने स्वच्छता को अपनी संस्कृति बनाया है, वैसे ही हमें साइबर स्वच्छता को भी अपनी संस्कृति बनाना होगा।
स्टॉप थिंक एंड देन टेक एक्शन
सीएम ने कहा- साइबर अपराध की सुरक्षा के लिए पीएम मोदी ने हमें एक बहुत सार्थक मंत्र दिया है, स्टॉप थिंक, एंड देन टेक एक्शन। यानी रुको, सोचो और फिर कोई कदम उठाओ। जब कोई अनजान कॉल आए तो रुकिए। कोई आकर्षक लिंक दिखे तो सोचिए और जब निश्चित हो जाए कि यह सही है तभी क्लिक कीजिए। यही डिजिटल युग का संविधान है, यही सुरक्षित नागरिक का संस्कार है।
चरित्र और पहचान की भी क्षति
डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि साइबर अपराध हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता अपराध बन चुका है। आने वाले वर्षों में साइबर क्राइम अन्य सभी अपराधों को पीछे छोड़कर सबसे अधिक संख्या में उभर कर आने वाला अपराध है। यह केवल पैसों की हानि नहीं, बल्कि विश्वास, चरित्र और पहचान की भी क्षति है। कई बार मेहनत और ज्ञान की चोरी भी डिजिटल माध्यमों से हो रही है। किसी की रिसर्च, डिजाइन, विचार या फोटो को बिना अनुमति के इस्तेमाल किया जाना भी साइबर अपराध है।