चीन ने जापान में अमेरिकी टाइफॉन मिसाइल सिस्टम की तैनाती पर कड़ा विरोध जताया और इसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया। बीजिंग ने कहा कि यह कदम एशिया में हथियारों की दौड़ और सैन्य टकराव को बढ़ावा देगा। चीन ने अमेरिका और जापान से मिसाइल सिस्टम हटाने की मांग की।
By: Sandeep malviya
बीजिंग। चीन ने मंगलवार को अमेरिका से जापान में तैनात किए गए मिड-रेंज टाइफॉन मिसाइल सिस्टम को तुरंत हटाने की मांग की। चीन का कहना है कि यह तैनाती एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सामरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और इससे हथियारों की होड़ और सैन्य टकराव का जोखिम और बढ़ेगा। बीजिंग ने इसे पूरी तरह गलत कदम बताते हुए अमेरिका और जापान दोनों को चेतावनी दी है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका और जापान ने चीन की गंभीर चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए टाइफॉन मिसाइल सिस्टम की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि यह कदम क्षेत्रीय देशों के वैध सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचाता है और एशिया में अस्थिरता को और गहरा करता है।
अमेरिका-जापान की कार्रवाई पर सवाल
लिन जियान ने कहा कि अमेरिका और जापान को अन्य देशों की सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करना चाहिए और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने दोनों देशों पर आरोप लगाया कि वे सुरक्षा बहाने के तहत एशिया में तनाव को भड़काने की रणनीति चला रहे हैं।
चीन ने दी चेतावनी
प्रवक्ता ने कहा कि चीन अमेरिका और जापान से आग्रह करता है कि वे क्षेत्रीय देशों की आवाज सुनें और इस गलत कदम को तुरंत सुधारें। उन्होंने साफ कहा कि टाइफॉन मिसाइल सिस्टम को जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए, वरना इसके दुष्परिणाम पूरे क्षेत्र को भुगतने होंगे।
फिलीपींस में भी तैनाती पर विवाद
इससे पहले चीन ने फिलीपींस में टाइफॉन मिसाइल की तैनाती पर भी कड़ा विरोध जताया था। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन और मनीला के बीच पहले से ही विवाद है। अब मिसाइल तैनाती ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ा दिया है।
भारत के साथ तुलना
इसी बीच, फिलीपींस ने हाल ही में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल भी हासिल की है। इस वजह से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक संतुलन और अस्थिर हुआ है। चीन को आशंका है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के साथ मिलकर यह कदम उसके हितों पर सीधा असर डाल सकता है।