मध्यप्रदेश में शॉपिंग मॉल, बाजार और कारखानों, प्रोडक्शन यूनिट्स में अब महिलाएं भी दिन-रात काम कर सकेंगी। सरकार ने सशर्त महिलाओं के रात में काम करने की सहमति दी है। इसके लिए महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन नियोक्ता (एम्प्लॉयर) एजेंसी को करना होगा।
By: Arvind Mishra
Jul 04, 202512:44 PM
मध्यप्रदेश में शॉपिंग मॉल, बाजार और कारखानों, प्रोडक्शन यूनिट्स में अब महिलाएं भी दिन-रात काम कर सकेंगी। सरकार ने सशर्त महिलाओं के रात में काम करने की सहमति दी है। इसके लिए महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन नियोक्ता (एम्प्लॉयर) एजेंसी को करना होगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से महिला कर्मचारियों को आर्थिक प्रगति मिलेगी। दरअसल, मप्र की मोहन सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए महिलाओं को शॉपिंग मॉल, बाजार, कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में रात में काम करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति सशर्त होगी। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होने का अवसर मिलेगा और कारोबारियों को भी अपनी गतिविधियों का विस्तार करने में सुविधा होगी।
श्रम विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक शॉप्स और शोरूम में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए। वहीं, कारखानों के लिए यह समय रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक तय किया गया है। कारखानों और यूनिट में यदि महिलाएं रात्रिकालीन शिफ्ट में कार्यरत होंगी, तो हर शिफ्ट में एक-तिहाई महिला सुपरवाइजर, शिफ्ट इंचार्ज या फोरमैन की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
फेडरेशन चेंबर आफ कॉमर्स भोपाल के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने सरकार के फैसले को लेकर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे जरूरी है। अगर वे रात में ड्यूटी करेंगी, तो उनके अनुसार पूरी व्यवस्था होना चाहिए। यदि रात में उन्हें छोड़ा जाना है, तो उन्हें घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए। इससे कारखानों, प्रोडक्शन यूनिट्स और दुकानों के संचालकों को तो लाभ होगा ही, साथ ही महिलाओं और उनके परिवारों को भी आर्थिक व सामाजिक संबल मिलेगा।