महिलाएं-बच्चे हुए परेशान; बस जब्त, ड्राइवर का लाइसेंस सस्पेंड
By: Star News
Aug 09, 202510:22 PM
नर्मदापुरम। रक्षाबंधन के त्योहारी सीजन में नर्मदापुरम जिले में बसों की कमी और अव्यवस्था से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बसों में क्षमता से अधिक भीड़, मनमाना किराया, बिना परमिट संचालन और परिवहन विभाग की ढिलाई ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शुक्रवार रात एक ऐसा ही मामला नर्मदापुरम में सामने आया, जब मालवीय ट्रेवल्स की एक बस (एमपी41पी1000) को अस्थाई पिकनिक परमिट पर भोपाल से चलाया गया। बस में 100 से अधिक यात्रियों को भरकर लाया गया, जिनसे प्रति यात्री रुपए 150 किराया वसूला गया। हैरानी की बात यह रही कि रात 9:45 बजे भोपाल चौराहे पर ही बस रोककर सभी यात्रियों को उतार दिया गया, जबकि यात्रियों को नर्मदापुरम बस स्टैंड ले जाने का वादा किया गया था।
महिला यात्रियों के साथ अभद्रता, बच्चों से वसूला पूरा किराया
बस में सफर कर रही महिला यात्रियों ने बताया कि न केवल क्षमता से अधिक सवारियां भरी गईं, बल्कि कंडक्टर ने महिलाओं से अभद्र व्यवहार भी किया। लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी रिंकी प्रजापति ने बताया कि वे सुबह से इंदौर से अपने बच्चों के साथ निकली थीं। भोपाल में भी घंटों इंतजार के बाद इस बस में जगह मिली, लेकिन उससे जुड़ा अनुभव बेहद कष्टदायक रहा। कंडक्टर ने उनसे ?150 प्रति यात्री के हिसाब से किराया लिया और छह साल के बच्चों का भी पूरा टिकट वसूला गया। रिंकी प्रजापति ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने हमें 250 रुपए का तोहफा दिया है, लेकिन बस आॅपरेटर वह तोहफा भी छीन रहे हैं। उनसे निवेदन है कि प्रदेश की बहनों को इस तरह की लूट से बचाया जाए।
आरटीओ देरी से पहुंची
जब यात्रियों ने हंगामा किया, तो कोतवाली थाना पुलिस के एसआई शरद बर्डे बल के साथ मौके पर पहुंचे। आरटीओ रिंकू शर्मा को सूचना दी गई थी कि बस अवैध तरीके से संचालित हो रही है और यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। बावजूद बस आने के 45मिनट बाद आरटीओ शर्मा घटनास्थल पर रात 10:30 बजे पहुंचीं। आरटीओ ने यात्रियों से बातचीत कर उनकी परेशानियां सुनीं और तत्काल कार्रवाई करते हुए बस को जब्त कर थाने में खड़ा कराया। साथ ही ड्राइवर का लाइसेंस सस्पेंड करने और परमिट निरस्त करने की घोषणा की।
लोगों ने जताई फजीर्वाड़े की आशंका
स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि जब बस का अस्थाई पिकनिक परमिट शाम 6:29 बजे जारी किया गया, तो उससे पहले ही क्यों यात्रियों को बस में बैठा लिया गया था? यदि बस के पास वैध परमिट था, तो यात्रियों को बस स्टैंड पर क्यों नहीं उतारा गया।