दरअसल, सीबीआई ने विजय माल्या के खिलाफ लोन फ्रॉड का केस दर्ज किया था, जिसके बाद वह लंदन भाग गया। ईडी ने उसके और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस शुरू किया। माल्या को जनवरी 2019 में भगोड़ा घोषित किया गया था।
By: Arvind Mishra
Dec 19, 20252:01 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को लंबे समय से बकाया रकम के तौर पर 312 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं। चेन्नई के डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल द्वारा रेस्टिट्यूशन को मंजूरी मिलने के बाद यह रकम आफिशियल लिक्विडेटर को किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को बांटने के लिए ट्रांसफर कर दी गई। ट्रिब्यूनल ने उन शेयरों की बिक्री से मिले फंड को जारी करने का निर्देश दिया था, जिन्हें पहले ईडी ने एसबीआई को वापस कर दिया था। दरअसल, सीबीआई ने विजय माल्या के खिलाफ लोन फ्रॉड का केस दर्ज किया था, जिसके बाद वह लंदन भाग गया। ईडी ने उसके और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस शुरू किया। माल्या को जनवरी 2019 में भगोड़ा घोषित किया गया था।
एक नजर में जाने पूरा मामला
ईडी ने पीएमएलए के तहत माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस और संबंधित कंपनियों की 5,042 करोड़ की संपत्ति की पहचान की और उसे जब्त किया, इसके अलावा 1,695 करोड़ की संपत्ति भी अटैच की गई। बाद में एक स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने डीआरटी के जरिए एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को सभी अटैच की गई प्रॉपर्टीज वापस करने की इजाजत दी। ईडी ने अटैच की गई संपत्तियों को कंसोर्टियम बैंकों को वापस कर दिया, जिन्हें बेचने पर कुल 14,132 करोड़ रुपए मिले।
बकाए को प्राथमिकता देने पर सहमति
एक सीनियर अधिकारी ने कहा-ईडी ने लंबे समय से पेंडिंग कर्मचारियों के बकाए के निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ कोआॅर्डिनेट किया और एसबीआई के सीनियर अधिकारियों के साथ मिलकर कर्मचारियों के दावों के भुगतान के लिए वापस मिली संपत्तियों के इस्तेमाल में मदद की। एसबीआई ने एक इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन फाइल करके डीआरटी से संपर्क किया, जिसमें कर्मचारियों के बकाए के भुगतान के लिए वापस मिली संपत्ति की पेशकश की गई और सिक्योर्ड क्रेडिटर के दावों पर ऐसे बकाए को प्राथमिकता देने पर सहमति दी गई।