गंजबासौदा। जीवाजीपुर स्थित वेदांत आश्रम में देवउठनी ग्यारस पर अन्नकूट महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के माहौल में संपन्न हुआ। दिनभर हरिनाम संकीर्तन, भजन-कीर्तन और आरती के स्वर गूंजते रहे। आश्रम परिसर में अन्नकूट प्रसादी का वितरण हुआ। भंडारे में करीब 4 हजार श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। इनमें साधु-संत, महंत, जनप्रतिनिधि, धार्मिक, सामाजिक और व्यापारी संगठनों से जुड़े लोग शामिल रहें।
दोपहर से देर शाम तक नगर और ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालु आश्रम पहुंचते रहे। प्रसादी में चावल कढ़ी, पूड़ी, मालपुआ, रामभाजी और पकौड़ी परोसी गई। आश्रम में हर साल दीपावली के बाद अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होता है। इस बार का मुख्य आकर्षण आश्रम के विद्यार्थियों द्वारा गोबर से बनाए गए भगवान श्री गोवर्धन को अर्पित छप्पन भोग रहा। भगवान कृष्ण का उठा।
भव्य श्रृंगार किया गया, दीप मालाओं की रोशनी और सुगंधित पुष्पों से पूरा परिसर जगमगा उठा। जैसे ही छप्पन भोग भगवान के चरणों में अर्पित हुआ, जयघोष से पूरा आश्रम गूंज उठा।
महंतश्री ने गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग की बताई महिमा
इस अवसर पर आश्रम के महंत हरिहर दास जी महाराज ने आशीष वचनों में छप्पन भोग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छप्पन भोग केवल अन्न या स्वाद का आयोजन नहीं, यह भक्ति की पूर्णता का प्रतीक है। यह वह क्षण है जब भक्त अपनी संपूर्ण कृतज्ञता और प्रेम भंगवान के चरणों में समर्पित करता है। गोवर्धन पूजा हमें यह सिखाती है कि प्रकृति और भगवान दोनों ही हमारे जीवन के सच्चे आधार है।